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मोहब्बत की ये इन्तहा देखिये ! 90 साल के लैला मजनू ने एक दुसरे की बाहों में दम तोड़ा !

जिन्नेटे और अलेक्जेंडर

इस हसीन प्यार की कहानी को इस पन्ने पर कैसे उतारू!

आज ये सोच पाना मेरे लिए मुश्किल है. यकीन मानिए शब्द ही नहीं मिल रहे.

लेकिन फ़र्ज़ ये कहता है कि आपको हर उस सच्ची कहानी से रूबरू कराएं, जिसे जान आप ईश्वर का शुक्रिया अदा करे, क्योकि उसने आपको ये खुबसूरत ज़िन्दगी जो दी है.

हम आपको मिलवाते है इस युग में जन्मे एक ऐसे लैला-मजनू से जिन्होंने एक दुसरे से इतना प्यार किया कि ईश्वर को उनकी ख्वाहिश माननी ही पडी.

सच्ची दास्तान पर आधारित ये कहानी 90 साल के उस वीर-जारा की कहानी है, जिन्होंने 8 साल की उम्र में ही एक दुसरे को अपनी रूह में बसा लिया था.

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ये रियल लव स्टोरी सेन डिएगो में रहने वाले जिन्नेटे और अलेक्जेंडर की है.

चॉकलेट खाने की उम्र में ये एक शादी के माहौल में एक दुसरे से मिले. जैसे ही एक दुसरे को देखा बस देखते ही रहे… और झटके में जीवन भर साथ रहने का अटूट मन बना लिया.

22 साल की उम्र में दोनों ने शादी की. मेहनत से अपने सपनो का घर बनाया. समाज में एक दुसरे की पहचान बनाई. जैसे जैसे उम्र गुज़रती चली, इनका प्यार बढ़ता ही चला गया. अब तो इलाके में लोग इनके प्यार की कसमे तक खाने लगे है.

जिन्नेटे और अलेक्जेंडर एक दुसरे से इतना प्यार करते थे कि ये एक साथ ही मरना भी चाहते थे.

दरअसल 90 साल के इस दम्पत्ति के पास अब इतनी भी शक्ती नहीं बची थी कि ये अपने पैरो पर खड़े भी हो पाए. जिन्नेटे और अलेक्जेंडर ने अपने बच्चो से ये ख्वाहिश जताई कि वे अपने आख़िरी समय में एक दुसरे की बाहों में ही दम तोड़ना चाहते है. बच्चो ने आज्ञा का पालन करते हुए तुरंत एक बड़ा बेड बनवाया जिसमे 1 महीने तक जिन्नेटे और अलेक्जेंडर साथ ही रहे.

आपको पता है.. इनका प्यार इतना सच्चा था कि ईश्वर को भी इनकी आख़िरी ख्वाहिश माननी ही पडी.

जिन्नेटे और अलेक्जेंडर ने सच में एक दुसरे की बाहों में एक साथ आख़िरी साँसे ली.

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बीते शनिवार की सुबह जब बच्चों ने अपने माता-पिता को नींद से जगाना चाहा तो पाया कि दोनों ने अपनी साँसे छोड़ दी थी.

और उन्होंने ने देखा कि जिन्नेटे और अलेक्जेंडर ने एक दुसरे को अपनी बाहों में भर रखा है, यानी आख़िरी समय में दोनों की जान एक साथ गई.

बिलकुल जैसा फिल्मो में होता है वैसा ही असल ज़िन्दगी में पहली बार देखने मिला.

अगर प्यार इसे कहते है तो सच.. ये ईश्वर का आशीर्वाद है.

जिन्नेटे और अलेक्जेंडर की इस प्यार की कहानी को जानकर मेरे दिल में प्यार करने वालो की इज्जत बढ़ गई है.

वैसे आप कुछ कहना चाहते है… ?