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कप्तान धोनी के एक ट्वीट ने भारतीय नेता और देशद्रोहियों की नींद उड़ा दी है

Dhoni Tweets About Freedom Of Speech

एशिया कप में जाने से पहले भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी देश के राजनेता और देशद्रोहियों को कुछ ऐसी सीख दे गये हैं कि सभी की नींद उड़ गयी है.

वैसे कप्तान धोनी बहुत कम बोलते हैं और क्रिकेट के अलावा अन्य मुद्दों पर तो और भी कम बोलते हैं.

लेकिन इस बार वह बोले हैं.

ज्ञात हो कि अभो देश में जेएनयू का मुद्दा छाया हुआ है. जिस प्रकार से देश विरोधी नारे वहां लगे हैं और उसके बात देशप्रेम एवं देशभक्ति की बहस चल रही है उसी को लेकर कप्तान धोनी ने ट्वीट किया

ट्वीटर पर क्या लिखा धोनी ने:-

“ जब हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस कर रहे हैं, तब हमारे सुरक्षाबल सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम बहस जारी रखने की स्थिति में रहें…”

“विशेष बल और कमांडो यूनिट के लोग आपकी और मेरी तरह ही सामान्य लोग हैं, जो इतने प्रेरित और प्रशिक्षित हैं कि अपने आप पर देश के हित को तरजीह दें। पता हो कि धोनी को भारतीय प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद हासिल है.”

अब आपको पता होना चाहिए कि धोनी ने अपना यह ट्वीट जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगने के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर जारी बहस के बीच धोनी ने यह बयान दिया है.

नेता और देशद्रोहियों सबकी नींद उड़ गयी

टीवी चैनल्स पर बड़ी-बड़ी बहस चल रही थीं. एक वर्ग देशप्रेम और देशभक्ति की बातें कर रहा था तो वहीं दूसरा वर्ग आजादी की मांगे कर रहा था. लेकिन वहीँ धोनी ने याद दिलाया कि अगर ये सैनिक हमारी रक्षा सीमा पर ना करें तो हम यह बहस किसी भी हालत में नहीं कर पायेंगे.

विजेंद्र सिंह का ट्वीट:-

साथ ही साथ धोनी ने बाद भारतीय बाक्सर विजेंद्र सिंह ने भी एक ट्वीट किया और लिखा- ”जिस देश में खेत की डोल का 1 इंच खिसकने पर 10 कत्ल हो जाते हैं , वो कश्मीर दे देगा? बहुत बड़ी गलतफहमी पाल रखी है कुछ लोगो ने.”

गौतम गंभीर का ट्वीट:-

अब बहस चालू हो गयी थी और खिलाड़ी मैदान में उतर ही चुके थे तो गौतम गंभीर ने भी एक गंभीर ट्वीट कर दिया कि “जेएनयू और जाधवपुर यूनिवर्सिटी से बेहद चौंकाने वाले वीडियो सामने आए हैं. नेताओं को इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए और हम सभी को अब  देश के लिए एकसुर में खड़े होने की जरूरत है.” गंभीर ने दूसरे ट्वीट में राजनीतिक पार्टियों के निशाना बनाते हुए कहा, ”सत्ता में फिर से काबिज़ होने के लिए देश के विश्वास के साथ खिलवाड़ मत करिए.”

देश के सभी राजनेताओं के लिए यह एक सलाह भी है कि हमें देशप्रेम और देशभक्ति जैसे मुद्दों पर तो राजनीति नहीं करनी चाहिए.

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