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महेन्द्र सिंह धोनी के लिए ना क्रिकेट बड़ा ना इंडिया! तो कौन बड़ा?

Mahendra_Singh_Dhoni

महेन्द्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और पूरा श्रेय इन्हें जाता है क्रिकेट जगत में हमें ढेरों इनाम दिलवाने के लिए, वर्ल्ड कप जितवाने के लिए और भी ना जाने कितने रिकॉर्ड बनवाने के लिए!

लेकिन आज उनपर एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है!

जस्टिस मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट में आई पी एल से जुड़ी राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीमों को सज़ा सुनाई गयी है|

उन्हें तो उनके किये की सज़ा मिलेगी ही लेकिन कोई यह बताये कि महेंद्र सिंह धोनी से कोई सवाल क्यों नहीं किये जा रहे?

जानना चाहेंगे उनका दोष?

असल में जस्टिस मुद्गल कमिटी ने उनसे पूछताछ के दौरान सवाल किया था कि क्या वो जानते थे कि गुरुनाथ मय्यपन टीम के प्रमुख थे? सारी जांच के बाद और दस्तावेज़ों को ध्यान में रखते हुए यह बात सिद्ध हो गयी है कि गुरुनाथ सच में टीम के प्रमुख थे और उनकी कंपनी इंडिया सीमेंट्स ने उन्हें बचाने कि भरपूर कोशिश की और झूठ के ऊपर झूठ बोले! झटका तो इस बात का लगा है कि धोनी ने भी अपने टीम के मालिक को बचाने के लिए यही कहा था कि वे नहीं जानते थे कि गुरुनाथ टीम के अधिकारीयों में से एक हैं या नहीं? ये बात हज़म ही नहीं होती कि जिस टीम के लिए वह खेलते हैं, जिस टीम के मालिक, श्रीनिवासन से उनकी रोज़ की बातचीत हो उस टीम के अधिकारीयों के बारे में माहि को पता ही ना हो!

माहि अपनी बुद्धिमत्ता और तेज़ दिमाग के लिए जाने जाते हैं!

तो फिर इस बार क्या हुआ?

इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी?

या फिर उन्होंने अपनी टीम और उसके मालिक को देश और क्रिकेट से ऊपर का दर्जा दिया?

क्रिकेट ने माहि को वो सब दिया जिसकी वो कल्पना भी नहीं कर सकते थे, भारतीय टीम की जर्सी ने उन्हें उनकी पहचान दी, तो फिर उसी से धोखा? वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि उनकी चेन्नई सुपर किंग्स की टीम बच सके? ताकि वो उस से और भी करोड़ों कमा सकें?

पैसे कमाने में कोई बुराई नहीं है| वो प्रतिभावान हैं, मंझे हुए गज़ब के खिलाडी और कमाल के कप्तान हैं. अभी तक करोड़ों कमा चुके हैं तो फिर क्या उनका फ़र्ज़ नहीं बनता की जो ग़लत है उसके खिलाफ आवाज़ उठाएँ?

लगता है इस बार वो चूक गए और अपने स्वार्थी इरादों के आगे देश और उस खेल का अपमान कर बैठे जिसकी वजह से उनकी पहचान है!

पता नहीं उन्हें उनके इस सफ़ेद झूठ की कोई सज़ा मिलेगी या नहीं पर उनके फैंस के दिल में उनके लिए इज़्ज़त ज़रूर थोड़ी कम हो गयी है!

महेन्द्र सिंह धोनी, तुम तो ऐसे ना थे!