भारत

दिल्ली नहीं रही अब सपनों की नगरी, छोड़ रहे लोग ये मेट्रो सिटी

कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं का सपना होता है कि दिल्ली शहर में जाकर पढ़ाई करे और जॉब करे।

इसलिए तो हर साल लाखों बच्चे दिल्ली शहर में विभिन्न कॉलेजों के लिए एंट्रांस एक्ज़ाम देने आते हैं। उनमें से कईयों का एडमिशन हो भी जाता है। इसलिए दिल्ली में दिन पर दिन लोगों की संख्या बढ़ते जा रही है। अब तो पूरी दुनिया में दिल्ली सबसे ज्यादा पॉप्लेशन वाला शहर हो गया है।

मुंबई लोग जाते हैं। लेकिन पढ़ने के लिए हमेशा से दिल्ली ही बेस्ट रही है और देश की कैपिटल भी है। सारे विदेश मंत्रालय और राजपथ भी दिल्ली शहर में है। इसलिए दिल्ली के लिए लोगों का प्यार अलग ही है और दिल्ली आने के लिए लोग काफी मेहनत करते हैं। यहां तक की पढ़ाई के बाद जॉब करने के लिए भी काफी मेहनत करते हैं। तभी तो पंद्रह-पंद्रह हजार में भी लोग यहां पर खटते हैँ।

बिहार और झारखंड से आते हैं मजदूर

बिहार और झारखंड में काम करने वाले मजदूर अच्छी कमाई के लिए भी दिल्ली शहर आते हैं। यहां ये लोग रिक्शा चलाकर बस्तियों में रहने के लिए भी तैयार हो जाते हैं लेकिन दिल्ली जरूर आते हैं।

लेकिन, अब लोगों का दिल्ली शहर से मोह उठ रहा है। लोग दिल्ली छोड़ रहे हैं।

बढ़ता प्रदूषण और पॉप्यूलेशन

जिस तरह से लोगों की संख्या दिल्ली में बढ़ी है उस तरह से प्रदूषण भी बढ़ा है। लोगों ने अपनी-अपनी गाड़ियां खरीद ली है। आप खुद कभी दिल्ली के जाम में फंसे होंगे तो आपने गौर किया होगा कि हर बड़ी-बड़ी गाड़ियों में सामान्य तौर पर एक या दो लोग बैठे रहते हैं। इन बड़ी गाड़ियों से प्रदूषण तो बढ़ता है साथ ही जाम भी काफी लगता है।

इस बढ़ते पदूषण और पॉप्यूलेशन ने लोगों का स्वास्थय पर बहुत बुरा असर डाला है।

बढ़ता अपराध

दिल्ली शहर में अपराध भी बढ़ने लगे हैं। 2012 के गैंगरेप के बारे में पूरी दुनिया जानती है। हर दिन मेट्रो में किसी का मोबाइल चोरी होता है तो किसी का पर्स। भीड़ का फायदा उठाकर मनचले लड़कियों के साथ गलत हरकत कर देते हैं। चेन छिनतई की भी घटनाएं काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही रश ड्रायविंग के कारण हर साल कई लोगों की जानें चली जाती हैं और बचाने वाला कोई नहीं है।

2016 में हाई कोर्ट ने की थी टिप्पणी

2016 में यह टिप्पणी एक रिपोर्ट के मामले में न्यायमूर्ति बीडी अहमद व आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने की थी। इस पीठ ने केंद्र सरकार ने बताया कि जनगणना रिकार्ड के अनुसार दिल्ली में जनसंख्या की वृद्धि दर में गिरावट आई है। खंडपीठ ने केंद्र सरकार व उपराज्यपाल को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

दिल्ली शहर के प्रदूषण और जाम से छुटकारा पाने के लिए पहले लोग एक-दो सप्ताह की छुट्टी लेकर पहाड़ी जगह पर घूमने जाते थे। लेकिन अब लोग दिल्ली के प्रदूषण से इतना अधिक परेशान हो गए हैं कि दल्ली ही छोड़ कर जा रहे हैं।
बेचारी दिल्ली। अगर आप दिल्ली में रह रहे हैं तो उसे छोड़े नहीं बल्कि सुधारें।

Tripti Verma

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Tripti Verma

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