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उस दिन यदि मुंबई पुलिस का प्लेन छूट जाता तो जिंदा नहीं बचता दाऊद इब्राहिम !

दाऊद इब्राहिम

आज से 11 साल पहले 2005 में दाऊद इब्राहिम का खात्मा होने वाला था लेकिन दाऊद इब्राहिम की किस्मत साथ दे गई जो आज भी वह जिंदा है।

नहीं तो डी कंपनी का साम्राज्य उसी समय खत्म हो गया था।

आपको बता दें कि दाऊद इब्राहिम को दुबई में उस वक्त उड़ाने की योजना बनी थी, जब वह दुबई की ग्रैंड हयात होटल में आने वाला था।

पाक क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद से दाऊद की बेटी माहरुख का निकाह हुआ था। निकाह के रिसेप्शन में शामिल होने के लिए 23 जुलाई को दाऊद को दुबई के ग्रैंड हयात होटल में आना था। भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह बात पता चल गई थी कि दाऊद इस पार्टी में हर कीमत पर आएगा. वो किस समय कहां होगा इसकी पूरी इन्फॉर्मेशन जुटा ली गई थी.

आत्मघाती दस्ता भी तैयार हो गया था.

कहा जाता है कि इस मिशन और दस्ते को तैयार किया था वर्तमान राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने और उसको अंजाम देना था दाऊद के जानी दुश्मन अंडरवल्र्ड डान छोटा राजन को। इस ऑपरेशन की जिम्मेंदारी राजन ने अपने भरोसेमंद दो शार्प शूटर विकी मल्होत्रा और फरीद तनाशाह को सौपी थी. इनको पश्चिम बंगाल के 24 परगना के रास्ते भारत में दाखिल कराया गया था ताकि किसी को उनकी मौजूदगी का किसी को पता न चले. फिर उनको ट्रेनिंग दी गई कि किस प्रकार 23 जुलाई 2005 को दाऊद मौत की नींद सुलाना है.

छोटा राजन भी जानता था कि दाऊद को टपकाने का इससे अच्छा मौका दौबारा नहीं मिलेगा.

लिहाजा ऑपरेशन मुच्छड़ में उसने पूरी ताकत झौक दी. लेकिन इसी बीच मुंबई पुलिस के सर्विलांस पर एक कॉल ट्रेस होती है. यह कॉल थी छोटा राजन के दाहिने हाथ और शार्प शूटर विक्की मलहोत्रा की.

कॉल की लोकेशन दिल्ली में आ रही थी.

9 मई 2005 को वो खास दिन था, जब दाऊद की मौत का सामान दिल्ली से उड़ने वाला था।

दोनों शूटरों की दुबई की टिकट बुक कर दी गई. ये पूरा ऑपरेशन गोपनीय था. प्लान आखिरी दौर में था. दिल्ली में उस शाम अजीत डोभाल दोनों शार्प शूटर्स के साथ मीटिंग कर रहे थे. उनसे होटल की लोकेशन डिस्कस कर रहे थे कि किसकी तैनाती कहां होगी. इसी बीच दिल्ली के उस रेस्तरां में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच आ धमकी. मुंबई पुलिस विकी मल्होत्रा और फरीद तनाशाह को गिरफ्तार कर मुंबई ले गई. अजीत डोभाल ने डिप्टी कमिश्नर धनंजय कमलाकर को बहुत समझाया भी लेकिन वे नहीं माने.

बताया जाता है कि मुंबई पुलिस ने उस दिन अंतिम समय में मुंबई से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी थी. यदि उस दिन पुलिस से वह फ्लाइट छूट जाती तो आज दाऊद इब्राहिम जिंदा नहीं होता.

इस तरह सारा प्लान चौपट हो गया.