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चुनाव से पहले गुजरात में मुस्लिम परिवारों के घर के बाहर क्यों लगाया गया क्रास का निशान

घर के बाहर क्रास का निशान

घर के बाहर क्रास का निशान – गुजरात में सियासत में कितनी गरमाई हुई है हम सब जानते हैं ।

कोई विकास के नाम पर वोट मांग रहा है कोई रोजगार के नाम पर वोट मांग रहा है। हालांकि विकास और रोजगार तो दिखावटी मुद्दे नजर आ रहे हैं।

असल राजनीति  तो राष्ट्रवाद , जातिवाद को लेकर हो रही है। जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर राजनीति करना खैर कोई नई बात नहीं है। लाल जो इन दिनों गुजरात में जो देखने को मिला वो जरुर लोकतंत्र के नजर से बिल्कुल गलत था।गुजरात के पालडी इलाके  में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर के बाहर क्रास का निशान देखने को मिले । ये घर के बाहर क्रास का निशान किसी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बनाए । ये कहना तो मुश्किल है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि  इन क्रास के जरिए  लोगों में सांप्रदायिकता की आग भङकाने की जरुर की जा रही है, जिस वजह से इलाके के लोगों में काफी दहशत देखने को मिल रही है ।

घर के बाहर क्रास का निशान

वैसे भी 2002 के सांप्रदायिक दंगों  की आग का दर्द आजतक गुजरात भुगत रहा है। उस पल सिर्फ चुनाव जीतने के लिए धर्म की राजनीति करना क्या सही है। वैसे ऐसा 2002 के बाद ऐसा पहली बार नही हो रहा जब यहां सांप्रदायिक दंगो को हवा  देने की कोशिश की गई है। अभी कुछ वक्त पहले ही इसी इलाके में सांप्रदायिक दंगो के लिए भङकाने वाले पोस्टर लगाए गए थे । जिस पर लिखा था पालडी को जुहारपुर न बनें दें ।

आपको बता दें पालडी में हिंदू और मुस्लिम समुदाय दोनो रहते  है । जबकि जुहारपुर एक मुस्लिम इलाका है । जिस वजह से यहां लोगो के बीच मतभेद करने की कोशिश की जा रही है।

इन घर के बाहर क्रास का निशान को लेकर यहां के लोगों इन चुनाव आयोग और पुलिस को खत लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की ।जिसके बाद सरकारी अधिकारियों दारा  इन घरों में क्रास के निशानों पर पुताई करके इन निशानों को मिटाया गया ।

कुछ लोगों के मन में इस मामले को लेकर काफी गुस्सा भी है जिस वजह से उनका गुस्सा भाजपा पर टूट रहा है हालांकि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ऐसा किया इसका कोई सबूत नहीं है । लेकिन जिन लोगों को लगता है उनका कहना है कि मोदी जी सबका साथ सबका विकास की बात कहते हैं ” लेकिन ऐसी घटनाएं तो 2002 के दंगों के वक्त भी नही हुई थी तो क्या भाजपा मोदी जी से अलग सोचती है।”

ये काम किन शरारती तत्वों का है ये कहना तो बहुत मुश्किल है हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घर के बाहर क्रास का निशान लगाने में राजनीतिक तत्वों का हाथ है तो ये कहना गलत नहीं होगा कि देश की राजनीति की आग में लोगों को बिना मतलब मोहरा बनाया जा रहा है।