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लोग ज़मीन पर घर बनाते हैं, मगर दिल्ली का ये शख्स शमशान बनाना चाहता है!

शमशान और कब्रिस्तान

कोई भी इंसान अगर ज़मीन खरीदता है तो उसका बस एक ही सपना होता है कि उस जमीन पर एक खूबसूरत घर बनाए, लेकिन हम आपसे अगर ये कहे कि एक शख्स ऐसा है जो अपनी ज़मीन पर घर नहीं शमशान और कब्रिस्तान बनाना चाहता है तो आप कहेंगे कि शायद उसका दिमाग खराब होगा.

मगर नहीं वो शख्स बिल्कुल नॉर्मल है और वो अपनी ज़मीन के टुकड़े पर शमशान और कब्रिस्तान बनाना चाहता है, लेकिन ऐसा क्यों?

दिल्ली के रहने वाले कुरुविला के सैमुएल ने सोशल मीडिया पर अपनी जायदाद की जानकारी दी है, इतना ही नहीं उसने लोगों से अपील भी की है कि वह वहां जाकर अपने सगं-संबंधियों का दाह संस्कार कर सकते हैं या उन्हें दफना सकते हैं.

अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर कोई इंसान अपने होशो-हवास में अपनी जमीन को एक अशुभ माने जाने वाले काम के लिए क्यों देगा? जब आप इसके पीछे की वजह जानेंगे, तब आपको एहसास होगा कि वो शख्स कितना महान है.

दरअसल, सैमुएल मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं.

करेल इस वक़्त भंयकर बाढ़ से उबरने की कोशिश कर रहा है और देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही विदेशों से भी लोग मदद के लिए आगे आए हैं. ऐसे में सैमुएल ने भी मदद की पेशकश करते हुए लोगों से अपील की है कि पत्तनमत्तिट्टा जिले में आनंदपल्ली गांव में उनकी जो जमीन है, जहां जाकर बाढ़ में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है.

सैमुएल ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करते हैं. उनका मानना है कि आपदा में मारे गए हर शख्स का सम्मानपूर्वक और पूरे रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार होना चाहिए. सैमुएल ने केरल में रह रहे अपने तमाम रिश्तेदारों से भी अपील की है कि वे मदद मांगने आए लोगों का साथ दें.

इस पोस्ट के बाद उन्हें मदद के लिए कई लोगों ने फोन भी किया.  सोशल मीडिया पर भी उनके इस फैसले को सराहा जा रहा है.

शमशान और कब्रिस्तान – जहां भारत जैसे देश में कुछ लोग आपदा में फंसे लोगों की मदद करने की बजाय उनका ही सामान लूटने लगते हैं, वहीं सैमुएल जैसे लोग भी हैं जो इंसानियत का असली मतलब समझाते हैं. वाकई सैमुएल ने जो किया है वो काबिले तारीफ है. उनकी हिम्मत और जज्बे को सलाम किया जाना चाहिए. आपदा के समय यदि ऐसे ही लोग दूसरों की मदद करते रहेंगे तो शायद दूसरों का दर्द थोड़ा कम हो जाएगा.