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इसलिए भारतीय थल सेना से घबराते हैं विश्व के बड़े बड़े देश !

भारतीय थल सेना

आज भारतीय थल सेना से दुनिया की बड़ी से बड़ी और ताकतवर समझी जाने वाली सेनाएं भी घबराती हैं.

भारतीय सेना के आधुनिकरण के साथ उसकी बड़ी वजह है कि भारतीय सेना को मिलने वाला प्रशिक्षण. बताया जाता है कि भारतीय सेना के प्रशिक्षण और उसके हौसले का दुनिया लोहा मानती है.

इजराइल के साथ दुनिया में भारत सेना ही एक ऐसी है जिसके वीरता के इतिहास में बलिदान की ऐसी मिसाले भरी पड़ी है जो कहीं ओर देखने और सुनने को नहीं मिलेंगी. भारतीय थल सेना के हौसले के आगे तो दुनिया की सबसे बड़ी चीन की थल सेना भी घबराती है. इसके अलावा हाल के दशक में जिस प्रकार भारत ने अपनी सेनाओं का आधुनिकरण किया है उसने भी भारतीय सेना को बड़ी ताकत दी है.

आज भारतीय सेना में रूस में निर्मित सुखोई-30 जेट फाइटर एयरक्राफ्ट्स है, जिन्हें दुनिया में बेहतरीन एयरक्राफ्ट्स में गिना जाता है. इसकी अधिकतम रफ्तार 2100 किलोमीटर प्रति घंटा है.

इसके अलावा भारत के लड़ाकू बेड़े में ब्रह्मोस जैसी क्रूज मिसाइल भी है. जो रूस को छोड़कर दुनिया के किसी देश के पास नहीं हैं मल्टी मिशन वाली इस मिसाइल की गति 208 मैक यानी ध्वनि की क्षमता से तीन गुना तेज है. जिसे पकड़ना दुनिया के किसी देश के बस की बात नहीं है.

इसके अलावा भारतीय सेना के पास परमाणु क्षमता युक्त रूस निर्मित पनडुब्बी आईएएनएस चक्र-2 नौसेना का बड़ा हथियार है. यह पनडुब्बी 600मीटर तक पानी के अंदर लगातार तीन महीने रह सकती है.

साथ ही किसी भी दुश्मन हमले का पहला ही संकेत देने वाला ‘एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम’ (अवॉक्स) सिस्टम भी भारत के पास है. यह किसी भी मौसम में खतरे के रूप में आने वाली क्रूज मिसाइलों और विमानों का आसमान में तकरीबन 400 किलोमीटर ऊपर ही पता लगाने में सक्षम है. जो सामान्य राडारों की पकड़ में नहीं आ पातीं.

सेना में एक ऐसा ही अन्य घातक हथियार विक्रमादित्य है. इस विमान वाहक युद्धपोत की खासियत है कि यह 100 दिन तक लगातार समुद्र में रह सकता है. यह 24 मिग -29 को ले जाने में सक्षम है. इस पोत का नाम ऐडमिरल गोर्शकोव था जिसका नाम बाद में बदलकर कर विक्रमादित्य दिया गया.

इसके अलावा टी-90एस टैंक भी हैं, जिसमें 125 एमएम की स्मूथबोर गन है. कमांडर इसे अंदर बैठकर रिमोट से भी कंट्रोल कर सकता है. भारत ने इस टैंक में इजरायली, फ्रांसीसी और स्वीडिश आदि सिस्टम्स लगाकर इसे बहुत ही मारक बना दिया है.

इन सब के बीच भारतीय थल सेना को दुनिया में अजेय बनाने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत कई मिसाइले विकसित की हैं.

आज अपने युद्ध कौशल और आधुनिक तकनीक के दम पर भारतीय थल सेना दुनिया को टक्कर दे रही है. आपको बता दे की भारत की सेना में काली जैसे कई गोपनीय घातक हथियार भी है जिसको भातर दुनिया से छुपा कर रखता है.

वहीं भारतीय सेना को मिलने वाला प्रशिक्षण इतना कड़ा होता है कि विदेशी सेना के जवान तो इसे करने से भी घबराते हैं. इसे देखकर कई लोग तो इसको मानवाधिकारों का हनन बता देते हैं.

बहराल, भारतीय थल सेना अपनी इन्हीं विशेषताओं के चलते ही आज दुनिया में एक आदर्श सेना ही नहीं बल्कि सबसे खतरनाक सेना बनी हुई है.