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आखिर क्यों कहा कांग्रेस ने की फिजूलखर्ची बंद करे नेता

फिजूलखर्ची

फिजूलखर्ची – 2019 के प्रधानमंत्री पद के चुनाव को लेकर चुनावी माहौल अब दिखने लगा है।

हर छोटी-बड़ी पार्टी अब खुद को साबित करने के लिए मैदान में उतरने लगी हैं। चुनाव के दौरान अक्सर पार्टियां चुनावी भागादौड़ी के लिए फंड इक्ठ्ठा करने लगती है।

चुनावी मौसम की इसी भागादौड़ी में फंड के अकाल से जूझ रही विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आज एक कमेटी का गठन किया, जिसके मुताबिक पार्टी ने चुनाव के दौरान होने वाले फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करने का फैसला लिया है।

इतना ही नहीं इस दौरान यह भी तय किया कि पूरी कांग्रेस पार्टी के सदस्य इन नियम का पालन करेंगे।

फिजूलखर्ची

बैठक में लिए गए फैसले

चुनावी फंड की बदहाली से जूझ रही कांग्रेस पार्टी ने 24 अकबर रोड स्थित पार्टी हेडक्वार्टर में एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक के साथ काग्रेंस ने पार्टी के सभी नेताओं को फिजूलखर्ची कम करने की हिदायत दी है।साथ ही यह भी कहा है कि वह जो भी खर्चा करे वह समझदारी के साथ करें। इतना ही नहीं बचत करने के लिए पार्टी ने नेताओं के ट्रैवलिंग और बाकी एलाउंस पर भी कटौती करने का मन बना लिया है।

अकबर रोड़ स्थित पार्टी हैडक्वॉटर से जारी किये गए इस फरमान के लिए पार्टी ने एक खत जारी कर कहा है कि अब से नेता जहाज की जगह रेल यात्रा के जरिए आवाजाही करेंगे।

फिजूलखर्ची

अपने इस फरमान में यात्रा सीमा तय करते हुए इसके लिए 1400 किलोमीटर कट आउट तय किया है, जिसके लिए सभी नेताओं और सचिवों को ट्रेन का किराया भी दिया जाएगा। साथ ही यह फरमान भी जारी किया 1400 किलोमीटर से अधिक के सफर पर ही जहाज का किराया मिलेगा, लेकिन इसी के साथ यह शर्त भी रखी गई कि 1 महीने में सिर्फ दो बार ही जहाज यात्रा का पैसा पार्टी फंड की तरफ से मिलेगा। हालांकि यह भी कहा गया कि अगर ट्रेन किराया जहाज किराये से अधिक हो तो सचिव जहाज से सफर कर सकते है।

दरअसल कांग्रेस पार्टी की फंड कमेटी द्वारा यह फैसला नेताओं की लगातार बढ़ रही फिजूलखर्ची को लेकर लिया गया है। इन फैसलों के अनुसार नेताओं के आवागमन खर्चे के साथ-साथ उनके कैंटीन में चाय-पानी आदि के खर्चे में भी कटौती की गई है। गौरतलब हैं कि चुनावी माहौल के दौरान अक्सर पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ जाती है, जिसके चलते उनके चाय-पानी एवमं खान-पान के खर्चो से कैटिन का बिल काफी भारी भरकम हो जाता है, जोकि इस दौरान फंड की कगांली से गुजर रही कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद चिंता का विषय बना हुआ है। नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी के सभी पदाधिकारियों को भी ऑफिस में होने वालें खर्चों में कटौती करने का फरमान सुनया गया है। जिसके मुताबिक दफ्तर में बिजली, पानी अखबार और स्टेशनरी जैसे खर्चों को कम करने की हिदायत दी गई है।

पार्टी द्वारा जारी इन सभी फरनामों के लिए पार्टी हर दफ्तर में एक टीम का गठन करेगी, जिसके अनुसार दफ्तर में मंगाये जाने वाले हर सामान के लिए उस टीम की मंजूरी अर्निवार्य की जायेगी। वह दफ्तर में आने वाले हर सामान से लेकर प्रयोग किये जाने तक के सामानों का ब्यौरा रखेगी।