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चीन के इस घातक हथियार ने उड़ा रखी है सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की नींद !

चीन का घातक हथियार

चीन का घातक हथियार – आज दुनिया भर में अमेरिका, रुस और चीन को सबसे ताकतवर देश माना जाता है क्योंकि इन देशों के पास सैन्य ताकत दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले कही ज्यादा है.

खासकर बात करें भारत के पड़ोसी देश चीन की तो इस देश में अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से बढ़ रही है उतनी ही तेज रफ्तार उसकी सैन्य ताकत में भी इजाफा हो रहा है.

भले ही अमेरिका सैन्य बलों के मामले में दुनिया का सबसे ताकतवर देश  है लेकिन चीन के पास एक ऐसा हथियार है जिसने अमेरिका की भी नींद उड़ा कर रख दी है.

तो चलिए हम आपको बताते हैं चीन के उस खास हथियार के बारे में जिससे अमेरिका खौफ खाता है.

चीन का घातक हथियार – चीन के रक्षा बजट में 7 फीसदी का इजाफा

चीन ने बीजिंग में होनेवाले नेशनल पीपल्स कांग्रेस यानी एनपीसी की वार्षिक बैठक से पहले ही इस बात की घोषणा कर दी है कि जिस तरह से चीन की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है उसी तरह से वो अपने सशस्त्र बलों का भी आधुनिकीकरण कर रहा है.

आपको बता दें कि दुनिया भर में रक्षा पर सबसे ज़्यादा खर्च अमेरिका करता है. जिसे देखकर चीन ने भी अपने रक्षा बजट में 7 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. बताया जाता है कि चीन का घोषित रक्षा बजट अमेरिका के मुक़ाबले अब भी कम है. हालांकि चीन पर नज़र रखने वालों का मानना है कि उसका वास्तविक आंकड़ा इससे भी कही ज्यादा है.

चीन का घातक हथियार डीएफ-26

दरअसल चीन का घातक हथियार डीएफ-26 को चीन का अब तक का सबसे घातक मिसाइल बताया जा रहा है. इस मिसाइल की खासियत है कि यह 4 हजार किलोमीटर दूर तक हमला कर सकती है.

इस मिसाइल को ‘गुआम किलर’ की उपाधि दी गई है क्योंकि गुआम में स्थित अमेरिकी नौसैनिक बेड़ा इसके दायरे में है. अमेरिकी कांग्रेस ने लगातार इस मिसाइल की तैनाती को लेकर चिंता जाहिर की है.

आपको बता दें कि गुआम सैन्‍य अड्डा अमेरिकी सीमा में ही है इसलिए अमेरिका को चिंता है कि चीन अब अमेरिका के भीतर घुसकर उसके सैन्‍य ठिकानों को निशाना बना सकता है.

चीन का घातक हथियार डीएफ-26 मिसाइल बीजिंग का सबसे ताकतवर हथियार है और अमेरिका के कई शहर इसके दायरे में आते हैं. इस मिसाइल की मारक क्षमता 5,500 किलोमीटर है. खबरों के अनुसार यह माना जाता रहा है कि इस मिसाइल को प्रशांत महासागर के क्षेत्र में तैनात करके चीन अपना दबदबा कायम करना चाहता है.

गौरतलब है कि चीन का घातक हथियार अमेरिका के कई शहरों को अपना निशाना बना सकता है इसलिए सबसे ताकतवर देश अमेरिका को अब चीन के इस सबसे खतरनाक हथियार से डर लगने लगा है.