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चिलकुर बालाजी : दान दक्षिणा और VIP के लिए कोई जगह नहीं इस मंदिर में

आज के ज़माने में जब धर्म एक धंधा बन चुका है और मंदिर बात बात में पैसा मांगने वाली कम्पनी

ऐसे में अगर ये कहें कि एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ ना कोई भेंट स्वीकारी जाती है, ना कोई दान दक्षिणा और तो और मंदिर में कोई दान पेटी या हुंडी भी नहीं. इसी के साथ साथ इस मंदिर में सब बराबर है कोई VIP नहीं.

सुनकर भरोसा नहीं होता ना? शायद पढ़कर भरोसा हो जाए और अगर पढ़कर भी भरोसा नहीं हो तो फिर एक बार उस मंदिर में जाकर देख लेना.

हैदराबाद में उस्मान सागर झील के पास स्थित है चिलकुर बालाजी मंदिर. इस मंदिर के स्थापत्य और कला को देखकर अनुमान लगाया गया है कि ये मंदिर करीब 500 साल पुराना है.

इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मंदिर में किसी प्रकार की भेंट, चढ़ावा या दान दक्षिणा नहीं ली जाती.

यहाँ जाने पर आपको कहीं भी कोई दान पात्र या हुंडी नहीं दिखाई देगी. भारत में चिलकुर बालाजी के अलावा गुजरात के राजकोट ज़िले में स्थित जलाराम मंदिर ही ऐसा मंदिर है जहाँ कोई भेंट या चढ़ावा नहीं लिया जाता.

चिलकुर बालाजी मंदिर में विशिष्ठ या अतिविशिष्ठ लोगों के लिए भी दर्शन की कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं होती. यहाँ आये हुए सब श्रद्धालु एक सामान होते है.

चिलकुर बालाजी मंदिर का रख रखाव और खर्च मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से ली गयी पार्किंग फीस से चलता है.

चिलकुर बालाजी का मंदिर भारत में केवल दूसरा ऐसा मंदिर है जो सरकार के नियंत्रण के बाहर है.

चिलकुर बालाजी मंदिर का इतिहास 

ये मंदिर हैदराबाद का सबसे पुराना मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण भक्त रामदास के चाचा ने करवाया था. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो श्रद्धालु किसी कारणवश तिरुपति बालाजी के दर्शन नहीं कर पाते वो अगर यहाँ दर्शन करे तो भी उन्हें तिरुपति दर्शन का फल मिलता है.

साल भर देश भर से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शनार्थ आते है. इस मंदिर में आकर एक अलग ही प्रकार की शांति का अनुभव होता है.

इस मंदिर में हर सप्ताह करीब 75000 से 100000लोग दर्शन करने आते है. इस मंदिर में स्थापित वेंकटेश्वर प्रतिमा स्वयंभू है अर्थात ये मूर्ति इसी स्थान से निकली थी. इस मंदिर की एक और खासियत ये है की इसमें भूदेवी और श्रीदेवी के साथ वेंकटेश्वर विराजमान है.

चिलकुर बालाजी मंदिर में दर्शन करते समय श्रद्धालु आँखें खुली रखते है और इस मंदिर का धेय्य यही है कि इश्वर सर्वव्यापी है, वही सब कुछ देने वाला है इसलिए उसे किसी भी प्रकार की कोई भेंट या लालच की आवश्यकता नहीं.

चिलकुर बालाजी को “वीजा मंदिर ” भी कहा जाता है. इसके पीछे एक बहुत ही मजेदार कारण है कहा जाता है कि अगर आपकी विदेश यात्रा में अड़चन आ रही हो तो इस मंदिर में दर्शन कर प्रार्थना करो और फिर देखो कैसे फटाफट वीज़ा मिल जाता है.

तो देखा आपने कितना कमाल का और कितना प्रगतिवादी मंदिर है चिलकुर बालाजी मंदिर. तो कब जा रहे है आप दर्शन करने या फिर अपना वीजा पास करवाने.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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