धर्म और भाग्य

शुरू हो रहे है चातुर्मास और सावन, 4 महीने भगवान शिव करेंगे सृष्टि का संचालन

चातुर्मास – ज्‍योतिषशास्‍त्र में हर व्रत-त्‍योहार का बहुत महत्‍व है।

चातुर्मास यानि भगवान विष्‍णु के चार महीने। मान्‍यता है कि इस दौरान भगवातविष्‍णु पाताल लोक में जाकर राजा बलि के यहां पर विश्राम करते हैं। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार चातुर्मास के समय में भगवान विष्‍णु पाताल लोक में चार महीने के लिए शयन करते हैं और इसी वजह से ये समय किसी भी तरह के शुभ कार्य और विवाह आदि के लिए अशुभ माना जाता है।

कब शुरु हो रहा है चातुर्मास

इस साल चातुर्मास 23 जुलाईको शुरु हो रहा है। इसके बाद कार्तिक शुक्‍ल एकादशी को शयन से उठेंगें। हिंदू धर्म में इन चार महीनों का बहुत महत्‍व है।

भगवान शिव के सावन का आरंभ

इसी महीने 27 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। किवदंती है कि जो भी व्‍यक्‍ति इस महीने में भगवान शिव की सच्‍चे मन से आराधना करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। मनवांछित जीवनसाथी पाने के लिए भी सावन का महीना बहुत महत्‍वपूर्ण माना जाता है।

चार महीने तक भगवान शिव करेंगें संचालन

चूंकि 23 जुलाई से भगवान विष्‍णु चार महीने के लिए शयन करने जा रहे हैं और 27 जुलाई से भगवान शिव का सावन का महीना आरंभ हो रहा है इसलिए अब चार महीनों तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव करेंगें। भगवान विष्‍णु को पालनहार और शिव को संहारक की उपाधि दी गई है लेकिन अब इन चार महीनों तक शिव ही पालनहार बनकर सृष्टि का संचालन करेंगें।

चातुर्मास में इन बातों का रखें ध्‍यान

इन महीनों में तेल, दही के साथ चावल, मूली, बैंगन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस अवधि में भगवान विष्‍णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और मां लक्ष्‍मी उनकी लगातार सेवा करती हैं। इस समय में मां लक्ष्‍मी के साथ भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जाप करें।

नहीं होते शुभ कार्य

चातुर्मास के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य जैसे विवाह, उपनयनसंस्‍कार, ग्रह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु अपनी निद्रा से उठकर फिर से सृष्टि का संचालन आरंभ कर देते हैं।

इस बार सावन का महीना क्‍यों है खास

संक्रांति की गणना के अनुसार इस बार सावन के मास में रोटक व्रत लग रहा है। शास्‍त्रों की मानें तो इस साल सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं, जिस सावन में 5 सोमवार पड़ते हैं उसे रोटक व्रत कहते हैं। रोटक व्रत रखने से भगवान शिव और मां पार्वती सभी इच्‍छाएं पूरी करते हैं।

किवदंती है कि श्रावण के महीने में भगवान शिव ने मां पार्वती की तपस्‍या से प्रसन्‍न होकर उन्‍हें अपनी अर्धांगिनी बनाना स्‍वीकार किया था। तभी से ये प्रचलन चला आ रहा है कि जो भी कन्‍या श्रावण के महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत करती है उसे भी मां पार्वती की तरह मनचाहे वर की प्राप्‍ति होती है।

हिंदू धर्म के अनुसार 23 जुलाई से आरंभ हो रहा चातुर्मास और 27 जुलाई से शुरु हो रहे सावन के महीने का सामान्‍यजनजीवन पर भी असर पड़ेगा।

Namrata Shastri

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