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झील के पानी से नहीं, इसकी प्यास तो बुझती है बारिश की पहली बूंदों से !

चातक

जिसकी एक बूंद पानी से प्यास बूझ सकती है उसके लिए पूरे समंदर की क्या अहमियत !

जी हां एक ऐसा ही अनोखा पक्षी है जिसकी प्यास झील, नदी या तालाब के पानी से नहीं बुझती है, बल्कि उसकी प्यास बारिश की पहली बूंदों से बुझती है.

इस अनोखे पक्षी को चातक कहा जाता है.

इसके बारे में कहा जाता है कि इस पक्षी को बहुत प्यास लगी हो और इसे एक साफ-सुथरी झील में पानी पीने के लिए डाल दिया जाए. तब भी यह पक्षी उस झील के पानी को नहीं पिएगा.

इतना हीं नहीं झील में जाने के बाद यह पक्षी अपनी चोंच बंद कर लेता है ताकि झील का पानी इसके चोंच के सहारे मुंह में न चला जाए.

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अपनी इस खासियत के लिए मशहूर चातक पक्षी की और कौन-कौन सी विशेषताएं हैं ये हम आपको बताते हैं.

स्वाति नक्षत्र का करता है इंतज़ार

कहते हैं कि चातक स्वाति नक्षत्र में अपनी प्यास बुझाता है. इसके लिए वो आसमान से पानी के बरसने का इंतज़ार करता है और बारिश की पहली बूंदों से ही अपनी प्यास बुझाता है.

स्वाति नक्षत्र का पानी इस पक्षी के लिए जीवन उपयोगी सिद्ध होता है, लेकिन इसमें कितनी वास्तविकता है इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है.

चातक की खास विशेषताएं

  • इसके सिर पर चोटीनुमा रचना होती है. चातक ‘कुक्कू’ कुल का प्रसिद्ध पक्षी है,  जो अपनी चोटी के कारण इस कुल के दूसरे पक्षियों से अलग रहता है.
  • शरद ऋतु और वर्षा के समय यह पक्षी अपनी मधुर आवाज़ के साथ बोलता हुआ दिखाई देता है.
  • चातक नाम के ये पक्षी दिन भर एक जोड़े के रूप में साथ रहते हैं लेकिन शाम को ये दोनों बिछड़कर ही रात बिताते हैं, जिसके बाद अगली सुबह इनका मिलन होता है.
  • चातक लगभग 15 इंच लंबा काले रंग का पक्षी है, जिसका निचला भाग सफेद होता है.
  • अपने कुल के दूसरे पक्षियों की तरह ही मादा चातक दूसरी चिड़ियों के घोसलों में अफना एक-एक अंडा रख देती है.
  • इस कुल के पक्षी सभी गरम देशों में पाए जाते हैं. इन पक्षियों की पहली और चौथी उँगलियाँ पीछे की ओर मुड़ी रहती हैं.

गौरतलब है कि चातक की यही विशेषताएं उसे दूसरे पक्षियों से खास बनाती हैं. वाकई यह हैरत की बात है कि पानी में रहते हुए भी यह अपनी प्यास आसमान से गिरे बारिश के बूंदों से ही बुझाता है. चाहे से बारिश के लिए लंबा इंतज़ार ही क्यों न करना पड़े.

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