सफलता की कहानियाँ

फुटपाथ पर पकौड़े बेचकर करोड़ों का मालिक बन गया ये शख्‍स

चांद बिहारी अग्रवाल – अगर सच्‍चे दिल और मेहनत से कोई काम किया जाए तो मंजिल जरूर मिलती है।

आज हम आपको एक ऐसे शख्‍स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने गरीबी में गुज़ारा कर फुटपाथ पर पकौड़े बेचे और अपनी मेहनत के दम पर करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर दिया।

इस शख्‍स का नाम चांद बिहारी अग्रवाल है जोकि पटना के ज्‍वैलरी कारोबार के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके ज्‍वैलरी शोरूम का सालाना टर्नओवर 20 करोड़ से भी ज्‍यादा है।

बचपन से ही चांद बिहारी अग्रवाल कुछ बड़ा करने की चाहत रखते थे लेकिन घर की माली हालत खराब होने के कारण उन्‍हें अपने सपनों को मारना पड़ा। उनका बचपन बहुत तंगी में बीता। पांच भाई-बहनों के साथ वो जयपुर में पले-बढ़े। परिवार की आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि वो स्‍कूल तक नहीं जा पाए। 10 साल की उम्र से ही उन्‍होंने अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए अपनी मां और भाई के साथ जयपुर के फुटपाथ पर पकौड़े बेचने का काम शुरु किया था। उन दिनों दुकान पर 12 से 14 घंटे काम करना पड़ता था। इस वजह से स्‍कूल जाने के लिए ना तो उनके पास समय था और ना ही पैसे।

चोरी से हुए बर्बाद

उनके जीवन का संघर्ष यहीं खत्‍म नहीं हुआ। वो जीवन में तरक्‍की करना चाहते थे और इसलिए कुछ पैसे जोड़कर पटना में राजस्‍थानी साड़ी का कारोबार करने का फैसला किया।

किस्‍मत ने साथ दिया और उनका ये कारोबार चल पड़ा। पटना में एक दुकान किराए पर ली और कुछ ही महीनों में बिक्री हज़ारों तक पहुंच गई। कारोबार बढ़ रहा था कि उन्‍हीं दिनों में दुकान में चोरी हो गई। मेहनत की सारी कमाई चली गई और इसक वजह से वो कंगाल हो गए लेकिन फिर भी उन्‍होंने कभी हार नहीं मानी।

फिर आए ज्‍वैलरी के बिजनेस में

इस सबके बाद उन्‍होंने अपने भाई की मदद से ज्‍वैलरी का बिजनेस शुरु किया। उन्‍होंने 5 हज़ार रुपए से जेम्‍स एंड ज्‍वैलरी की दुकान खोली। ये बिजनेस भी खूब चला। इसके बाद तो बस उनकी गाड़ी निकल पड़ी और उन्‍होंने खूब पैसा कमाया। इसके बाद उन्‍होंने गोल्‍ड का बिजनेस शुरु किया। अपने बुलंद हौंसले और कड़े संघर्ष की बदौलत उन्‍होंने अपनी एक छोटी सी दुकान को बड़ी कंपनी में तब्‍दील कर दिया।

चांद बिहारी अग्रवाल की कहानी को पढ़कर आप भी सोच सकते हैं कि बड़ा और अमीर बनने का रास्‍ता बिलकुल भी आसान नहीं होता है। इसके लिए आपको खून और पसीना दोनों बहाना पड़ता है और रास्‍ते में कई मुश्किलें भी आती हैं और ऐसा जरूरी नहीं है कि चांद बिहारी अग्रवाल की तरह आपको भी मुश्किल में साथ देने वाला कोई मिल जाए। हो सकता है कि आपको अकेले ही अपना सफर तय करना पड़े।

ये थी चांद बिहारी अग्रवाल की कहानी – अगर आप भी जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो हिम्‍मत से काम लें और आगे बढ़ते रहें। मुश्किलें जरूर आएंगीं लेकिन अगर आपका हौंसला बुलंद है तो आपको अपनी मंजिल जरूर मिलेगी। अगर आप किसी चीज़ को सच्‍चे दिल से चाहेंगें तो पूरी कायनात भी मिलकर उसे आपसे दूर नहीं कर सकती है इसलिए कोशिश करते रहें, कभी ना कभी आपको भी सफलता मिल ही जाएगी।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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