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इन तीन लोगों की मदद करने वाला इंसान जिंदगीभर पछताता है

चाणक्य की नीति

चाणक्य की नीति – हम सभी ने शास्त्रों में यह पढ़ा है कि हमें हर व्यक्ति की मदद करनी चाहिए, फिर चाहे वो इंसान बुरा हो या भला, हमे अपना स्वाभिमान नहीं खोना चाहिए.

भगवत गीता ले लीजिए या चाहे कुरान हर किसी में यही लिखा है कि आपको किसी और की बुराईयां देखकर अपने अंदर की अच्छाई को नहीं मारना चाहिए, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जो आपने शायद ही कहीं पढा हो.

आज हम आपको नीति शास्त्र के महान ज्ञाताकार पंडित आचार्य चाणक्य के उन शास्त्रों के बारे में बताएंगे जिनमें उन्होंने साफ तौर से कहा है कि हमें भूलकर भी इन तीन लोगों की मदद कभी नहीं करनी चाहिए अन्यथा हमें अंत में पछतावे के अलावा और कुछ प्राप्त नहीं होगा.

तो आइए जानते हैं चाणक्य की नीति जो मनुष्य के जीवन में सही राह दिखाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

चाणक्य की नीति –

– चाणक्य एक महान इंसान होने के साथ-साथ एक मान्‍य ज्ञाताकार भी थे. पंडित आचार्य चाणक्यके कहे हुऐ वचनों के अनुसार हमें किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो धन का प्रयोग मदिरा, शराब या फिर विष बनाने में करता हो उन्हें कर्जा नही देना चाहिए. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि यह सभी चीजें देश, समाज और व्यक्ति को पूरी तरह से तबाह कर देती हैं. इसलिए चाहे कुछ भी हो जाए हमें ऐसे लोगों को कर्जा तो दूर उनके साथ भी नहीं बैठना चाहिए.

इन तीन लोगों की मदद

– बचपन से लेकर आज तक हमें हमारे माता-पिता ने हमेशा धर्म का पालन करना सिखाया है और किस तरह हमें अपने बड़े-बूढो का आदर सम्मान करना चाहिए लेकिन यदि कोई व्यक्ति धर्म का पालन ना करते हुए अधर्म के कार्यों में अपना जीवन अर्पित करता है तो उसकी सेवा करना महापाप का कारण बनता है. ऐसे मनुष्य की ना समाज में कोई जगह होती है और ना ही किसी के दिल में.

– हमें ऐसे व्यक्तियों की कभी-भी मदद नहीं करनी चाहिए जो बेजुबान जानवरों को बिना किसी कारण के हानि पहुंचाता हो एंव महिलाओं का अपमान करता हो. कोई भी मर्द जिस दिन किसी महिला का अपमान या उन पर हाथ उठा लेता है उसी दिन से वह नामर्द कहलाता है. उन्हें धन देने से आपके धन की भी हानि होती है, इसलिए ऐसे लोगों की कभी भी मदद भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.

हमें भले ही ये सिखाया गया हो कि हमें हर उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए जो जरुरत में हो फिर चाहे वो अच्छा हो या बुरा, लेकिन आने वाले इस दौर में हमें इस व्याख्या को बदलना होगा क्योंकि दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो हमारी मदद का गलत फायदा भी उठाना जानते हैं.

हमें लोगों की मदद करनी चाहिए लेकिन पहले उनके बारे में जान भी लेना चाहिए कि आखिर उनका मकसद क्या है. कहीं वो हमारी इस मदद से किसी और को ठेस ना पहुंचा दें.

ये है चाणक्य की नीति – ये थे वो तीन व्यक्तित्व वाले लोग जिनकी हमें भूलकर भी मदद नहीं करनी चाहिए. इसी में हमारी और हमारे समाज दोनों की भलाई है. आपको भी आचार्य चाणक्‍य के इन सत्‍य वचनों का पालन करना है।