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मुंबई टीवी इंडस्ट्री में काम करने के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है!

shooting

जैसे ही टीवी इंडस्ट्री की बात होती है, सुन्दर ग्लैमरस चेहरे आँखों के आगे नाचने लगते हैं!

सबके पसंदीदा एक्टर्स-एक्ट्रेसेस ही दिखाई देते हैं और लगने लगता है कि सिर्फ़ इन्हीं की वजह से टीवी इंडस्ट्री चल रही है|

लेकिन सच्चाई बहुत अलग है दोस्तों! स्क्रीन पर अगर 10 लोग अलग-अलग किरदारों में नज़र आते हैं तो 50 लोग स्क्रीन के पीछे से मेहनत करते हैं आपको एंटरटेन करने के लिए|

अगर मुंबई टीवी इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना है तो कुछ बातें हैं जिन्हें जानना बहुत ज़रूरी है ताकि आप एक सोचा-समझा निर्णय ले सकें|

आओ बताता हूँ ऐसी कौन-सी ख़ास बातें हैं:

1)   सबके लिए काम

सबसे ख़ास बात यह है कि ये इंडस्ट्री सबको काम देती है और वो भी बिना किसी भेदभाव के! धर्म, रंग, जाती, जेंडर, सोशल स्टेटस वगैरह वगैरह का यहाँ कोई मतलब नहीं है अगर आप अपना काम ठीक से कर रहे हैं! एक्टिंग के अलावा यहाँ लोगों की ज़रुरत पड़ती है डायरेक्शन, प्रोडक्शन और क्रिएटिव टीम्स में| उम्र की भी कोई सीमा नहीं है जब तक आप अपना काम ठीक से कर रहे हैं| इसके अलावा लड़कियों के लिए फ़ायदा है कि कुछ डिपार्टमेंट्स में तो उनकी ख़ास डिमांड रहती है जैसे कि क्रिएटिव, कोसट्युम और डायरेक्शन डिपार्टमेंट!

2)   शिक्षा

जहाँ तक शिक्षा का सवाल है, अगर आपने मास कम्युनिकेशन का कोर्स किया है तो नौकरी के दरवाज़े ज़रा आसानी से खुल जाते हैं| पर अगर नहीं भी किया तब भी आप यहाँ काम पा सकते हैं| थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि सबसे पहले आपको किसी को असिस्ट करना पड़ेगा, फिर धीरे-धीरे काम सीखते हुए आप आगे बढ़ सकेंगे| बस एक बात जो ज़रूर होनी चाहिए वो है फ़िल्मों और टीवी का अपार ज्ञान और साथ साथ आपकी बेशुमार क्रिएटिविटी! उसके बाद आपको आसमान छूने से कोई नहीं रोक सकता!

3)   काम करने का वक़्त

इस इंडस्ट्री में काम करना है तो भूल जाओ कि नौकरी 9 से 5 या 10 से 6 तक ही होती है! यहाँ चाहे आप किसी प्रोडक्शन हाउस या चैनल के ऑफ़िस में काम कर रहे हों या सीधा शूटिंग के सेट पर, कोई तय समय नहीं है कि कब घर जाना होगा! काम पर आने का समय तय है, जाने का नहीं! और अगर घर जल्दी भी पहुँच जाएँ तो वहाँ से भी कई बार काम करना ही पड़ता है| इसलिए ख़ास तौर पर शुरूआती दिनों में तो भूल ही जाइए कि निजी ज़िन्दगी क्या होती है!

4)   प्रोजेक्ट के हिसाब से काम

जिन लोगों की नौकरी किसी चैनल या प्रोडक्शन हाउस में लग गयी है, उनके लिए थोड़ी शांति है वरना ज़्यादातर लोग यहाँ फ़्रीलैंसर के तौर पर ही काम कर रहे हैं| इसका मतलब है कि अगर आपका प्रोजेक्ट चल रहा है तो आपके पास काम है वरना जिस दिन सीरियल बंद हुआ, आप काम से बाहर! अगर आप अच्छे हैं और काम अच्छे से जानते हैं तो दूसरा काम जल्द ही मिल जाएगा वरना फिर से एड़ियाँ घिसनी पड़ेंगी!

5)   सेक्शुअल शोषण

बहुत सी कहानियाँ सुनते हैं हम कि मुंबई में लड़कियों का सेक्शुअल शोषण आम सी बात है लेकिन घबराईये मत, जितना किसी और इंडस्ट्री में होता है, उतना ही टीवी इंडस्ट्री में भी है| बहुत ही ग़लत है ये लेकिन ऐसा ही होता है, यह कहना भी सही नहीं होगा! लोग जी-जान लगा कर सीरियल बनाते हैं, दिन-रात एक कर देते हैं, खाना-पीना भूल जाते हैं शूटिंग के लिए! बाकी, दो लोगों की निजी ज़िन्दगी में क्या होता है, उसके लिए पूरी इंडस्ट्री को बदनाम करने का कोई मतलब नहीं है|

अगर आप टीवी इंडस्ट्री में आना ही चाहते हैं और आपका सपना है कुछ लिखने का, कोई ख़ास शो बनाने का, तो ज़रूर आईये लेकिन इस ख़याल के साथ कि आसान नहीं होगा और नामुमकिन भी नहीं! बस कमर-तोड़ मेहनत के लिए तैयार होकर आईयेगा!