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अजीत डोभाल ने दी है ऐसी खबर जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा चपा चपा खंगाल डालो

नकली भारतीय मुद्रा

देश की खुफिया एजेंसिया इन दिनों सुरक्षा बलों के साथ मिलकर देश के सभी पोर्ट तलाशी अभियान चलाकर वहां का चपा चपा खंगाल रही हैं.

सीआईएसएफ के जवान दुनिया के विभिन्न देशों से भारतीय पोर्ट पर आने वाले प्रत्येक कंटेनर की सघन तलाशी ले रहें हैं. दरअसल, खबर ही कुछ ऐसी है. जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर उनका कार्यालय पोर्ट पर तैनात अधिकारियों से पल पल की जानकारी ले रहे हैं.

साथ ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस पूरे मामले पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं.

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से अजीत डोभाल को दुनिया भर में फैले अपने जासूसों से कुछ इनपुट मिल रहे थे. जैसे ही उनको भनक लगी कि भारत के दुश्मनों ने करीब 400 करोड़ रूपए की नकली भारतीय मुद्रा कंटेनर के रास्ते देश में प्रवेश कराई है उन्होंने तुरत ही इसकी सूचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देकर खुफियां एजेंसियों को उनके पीछे लगा दिया.

कहते हैं कि सरकार में अजीत डोभाल प्रधानमंत्री मोदी की वो आंख और कान है जिस पर वे सबसे अधिक भरोसा करते हैं.

लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी ने भी विना वक्त गवाएं उनकी सूचना पर देशभर में फैले पोर्ट पर अलर्ट जारी करवा दिया. यही नहीं प्रधानमंत्री ने कह दिया है कि चपा चपा खंगाल डालों. अगर किसी ने जरा भी चूक की तो उसकी खैर नहीं.

आपको बता दें कि पाकिस्तान और चीन अंदरखाने मिलकर नकली भारतीय मुद्रा के जरिये हमारे देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहे हैं. इसी नकली भारतीय मुद्रा के नेटवर्क को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सितंबर माह में नोटबंदी की थी.

इससे देश में नबंर दो का धंधा करने वाले और आतंक फैलाने वाले लोगों की कमर टूट गई थी.

बहराल, इस वक्त देश में गुप्त रूप से जो नकली भारतीय मुद्रा पकड़ने के लिए जो अभियान चल रहा है उसको लेकर खबर है कि करीब 8 हजार कंटेनर भारतीय एजेंसियों के रडार पर है.

यंगिस्थान को खुफिया एजेंसी में अपने सूत्रों से जो खबर मिली है उसके अनुसार उनकी टीमें इस काम में जुटे सभी अधिकारियों को पर नजर रखे हुए हैं.  यहां तक जांच में जुटे अधिकारियों के मोबाइल और लैंडलाइन फोन तक टेप किए जा रहे हैं.

खबर  है कि पीएमओं से साफ निर्देश है कि जब तक हाल में देश में सभी 8 हजार कंटेनरों की जांच पूरी नहीं हो जाती कोई भी अधिकारी सार्वजनिक रूप से किसी से इस बारे में बात नहीं करेगा और साथ ही जांच के दौरान न ही अपने स्थान से हिलेंगा.