जीवन शैली

अपनी बेटी की बिदाई इस बाप ने ऐसे की कि प्रधानमंत्री मोदी भी रह गए दंग

बेटी की बिदाई – अमीरों के घर बेटियों का जन्म हो तो उन्हें लक्ष्मी कहकर बुलाया जाता है, लेकिन यही बेटी अगर किसी गरीब के घर पैदा हो जाए तो उसे विपत्ति कहते हैं.

ऐसा इसलिए क्योंकि गरीब को दो जून की रोटी के लिए भी मर मर कर काम करना पड़ता है.

ऐसे में जब घर में बेटी होती है और उसकी शादी के लिए जब उसे दहेज़ देना होता है तो वो अपना सबकुछ बेचकर भी नहीं दे पाता.

दूसरे देशों की बात नहीं करेंगे. भारत में बेटियों की स्थिति बहुत ही बुरी है.

लड़कियों का रेप कर दिया जाता है. उन्हें अगवा कर लिया जाता है. इतना ही नहीं सबसे बड़ा जुर्म तो उन्हें पेट में ही मारकर किया जाता है. कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटी के नाम पर आग बबूला हो जाते हैं. उन्हें बेटियां बोझ लगती हैं.

आज हम आपको एक ऐसे बाप से मिलवाने जा रहे हैं जो बहुत अमीर नहीं बल्कि एक किसान है.

उसके बाद भी वो अपनी बेटी की बिदाई हेलीकाप्टर से किया. सुनकर ज़रूर हैरानी हो रही होगी आप लोगों को. लेकिन ये सच है. यूपी में झांसी के रहने वाले एक किसान ने ऐसा किया.

झाँसी के ही एक गाँव की कहानी है ये.

शहर से चंद किलोमीटर दूर बसे मैरी गांव के रहने वाले किसान राकेश यादव ने बताया, “मेरी की तीन बेटियां हैं. सबसे छोटी बेटी दीपिका की शादी 12 मई को अभय से हुई है. ‘दामाद अभी पढ़ाई कर रहा है. उसके पिता सीताराम यादव भी किसान हैं.

दीपिका का बचपन से ही सपना था कि उसकी डोली हेलिकॉप्टर से उठे. बस क्या था. मैंने उसका सपना पूरा कर दिया.”

जब लड़की की विदाई होने लगी तो हेलिकॉप्टर देखने के लिए हाईवे पर इकट्ठे हुए लोग-जब राकेश की बेटी की बिदाई होने वाली थी, उस समय यह नजारा देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही.

यही नहीं, हाईवे के ओवर ब्रिज से ऊपर से निकलने वाले लोग भी रुक-रुक कर बेटी की बिदाई समारोह देखने लगे. कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की भगदड़ या अनहोनी ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन मौके पर मौजूद था. ऐसा लग रहा था कि जैसे बेटी की बिदाई नहीं बल्कि कोई मंत्री आया हो जिसे देखने के लिए इतनी भीड़ जमा हुई थी.

एक ये बाप हैं जो किसान होते हुए भी अपनी बेटी के सपने को पूरा किये. हमने बेटी से वादा किया था कि तुम्हारा सपना जरूर पूरा करेंगे, लेकिन जहां उसका रिश्ता तय हुआ, वहां से हमारे घर की दूरी महज 6 किलोमीटर थी. फिर भी हमने अपने वादे का मान रखते हुए बेटी की बिदाई के लिए हेलिकॉप्टर मंगाया. हम बहुत खुश हैं. अपनी बेटी के सपने को पूरा करके ये बाप आज कितना खुश है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बेटी को ही बोझ समझते हैं

सच में बड़ी नसीब वाली होती हैं वो बेटियां जिन्हें इस तरह का प्यार करने वाला बाप मिलता है.

बेटी को इस तरह से विदा करने का ख्वाब तो अमीर लोग ही देखते हैं. लेकिन इस गरीब किसान ने लोगों को बता दिया कि बच्चों को प्यार करने के लिए पैसा नहीं लगता. बस दिल चाहिए.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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