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10 तस्वीरें – पेड़ों को बचाने के लिए इस तरह से खुलेआम ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं महिलायें

इंसान का जीवन नेचर के बिना अधूरा हो जायेगा.

आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि अगर नेचर नहीं रहा तो फिर हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को क्या दे पाएंगे. अपनीजरूरतों को पूरा करने के लिए हम बस पेड़ों को अंधाधुंध काटे जा रहे हैं.

वहीँ कुछ देशों में तो ऐसे कानून बनाये जा रहे हैं कि जिनकी मदद से आसानी से पेड़ों की कटाई की जासके.

पोलैंड में कुछ इस तरह का ही कानून सरकार ने पास किया कि अब आसानी से पेड़ काटने वाले लोग इनका उपयोग किसी भी तरह से कर सकते हैं किन्तु इस बात का विरोध हुआऔर जब सरकार किसी की नहीं सुन रही थी तब महिलाओं ने पेड़ों को बचाने के लिए इस तरह से खुलेआम ब्रेस्टफीडिंग किया – अपने बच्चों को पेड़ के नीचे  ब्रेस्टफीडिंग कराई ताकि हमारे बच्चे पेड़ों को अभी देख लें.

तो आइये देखते हैं कि किस तरह से महिलाओं द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए इस तरह से खुलेआम ब्रेस्टफीडिंग आंदोलन को अंजाम दिया जा रहा है-

पेड़ों को बचाने खुलेआम ब्रेस्टफीडिंग –

  1. इस पूरे आन्दोलन की शुरुआत ब्रेस्टफीडिंग की पेंटिंग से हुई थी. असल में जो सरकार ने कानून बनाया है उसके अनुसार कम्पनियां 200 साल पुराने पेड़ भी काट सकती हैं.

  1. इन तस्वीरों में दिखाया गया है कि नेचर हमको अपने बच्चों की तरह ही पालती है लेकिन जब हम बड़े हो जाते हैं तो यह सब भूल जाते हैं. आने वाली पीढ़ी को हम क्या देंगे,यह सब इस थीम में शामिल किया गया है.

  1. जब लोगों ने इस तरह की पेंटिंग देखी तो सबसे ज्यादा महिलाएं इस आन्दोलन का साथ देने आई और जागरूकता फैलाने के लिए इन्होनें बड़ा अनोखा तरीका अपनाया.

  1. इस तरह से पेड़ के नीचे ब्रेस्टफीडिंग कराती हुई औरतों को देखकर पोलैंड के जनता जल्दी जागरूक होने लगी है. असल में इस चीज को अश्लील समझना आपकी बड़े भूल होसकती है.

  1. एक माँ अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय ही नेचर दिखा रही है और इसका सीधा सा अर्थ है कि यह बच्चे शायद आने वाले समय में पेड़ ना देख पायें इसलिए इनकोआज ही पेड़ दिखाना जरुरी है.

  1. दूसरी तरफ ब्रेस्टफीडिंग को इस तरह से कराने का एक फायदा यह भी हुआ है कि पोलैंड के इस कानून पर दुनिया के नजर गयी है और अब यहाँ की सरकार पर यह कानूनवापिस लेने का दवाब बढ़ने लगा है.

  1. पोलैंड में महिलाओं के इस कदम की चर्चा और सराहना सम्पूर्ण विश्व में हो रही है. प्रकृति को बचाने के लिए उठाया गया, यह कदम वाकई इतिहास में दर्ज हो गया है.

  1. सोशल मीडिया पर भी इस तरह के पेज बनाए गये हैं कि जो महिलाएं आन्दोलन में आ नहीं सकती हैं उनको अपने घर से ही इस तरह के ब्रेस्टफीडिंग वाले फोटो भेजने के लिएबोला जा रहा है.

  1. कई जगहों पर तो महिलाओं ने सामूहिक रूप से बैठकर बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराई और इस कानून को वापिस लेने की मांग भी की है.

  1. तो इस तरह से नेचर के प्रति पोलैंड की महिलाओं की इतनी सहानुभूति की सराहना सभी को करनी चाहिए.

ऐसे हुआ पेड़ों को बचाने के लिए इस तरह से खुलेआम ब्रेस्टफीडिंग – तो अब देख सकते हैं कि आज के दौर में विरोध के कैसे-कैसे नये ततरीकों को खोजा जा रहा है. आपको विरोध एक इस तरीके को अधिक से अधिक शेयर करना चाहिए.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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