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भारत के 5 सबसे जांबाज़ पुलिस अफसर जिनका नाम सुनकर अपराधियों का कलेजा कांप जाता है

जांबाज़ पुलिस अफसर

जांबाज़ पुलिस अफसर – हम सभी ने घूसखोर पुलिसवालों के बारे में तो सुना ही है लेकिन आज हम आपको देश के कुछ ऐसे पुलिसकर्मियों से मिलवाने जा रहे हैं जिनका नाम सुनकर अपराधियों की आत्मा कांप उठती है.

ये जांबाज़ पुलिस अफसर अपनी इमानदारी और जांबाजी के लिए जाने जाते हैं. आपको बता देंकि इनमें से कईयों का तो बहुत बार तबादला भी हुआ है लेकिन जगह चाहे यूपी की हो या दिल्ली की इन्होंने हर जगह अपनी निडरता से अपराधियों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं.

तो आइए जानते हैं उन पुलिस ऑफिसर्स के बारे में –

जांबाज़ पुलिस अफसर

१. शिवदीप लांडे

शिवदीप बिहार के एक ऐसे पुलिस कर्मी हैं जो जहां भी जाते हैं अपराधियों की वाट लगा देते हैं. शिवदीप ने बिहार के कई बड़े कालाबाजारियों जैसे बालू माफिया, खनन माफियाके खिलाफ़ आगे बढ़कर उन्हें पकड़ने में सरकार की मदद की थी. शिवदीप 2006 से पुलिस में हैं और महाराष्ट्र के अकोला के रहनेवाले हैं. पटना, अररिया, पुर्णिया और मुंगेर के एसपी के तौर पर उन्होंने बहुत ही शानदार काम किया था. इस समय वह महाराष्ट्र के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पद पर हैं. शिवदीप लांडे का नाम सुनते ही महाराष्ट्र की पुलिस में एक अलग ही जोश आ जाता है और अपराधियों की पैंट गीली हो जाती है.

२. मनु महाराज

रियल लाइफ़ सिंघम के नाम से मशहूर मनु महाराज भी शिवदीप लांडे की तरह ही 2006 से पुलिस में भर्ती हैं. मनु अपने सभी बडे ऑपरेशन में खुद हथियार लेकर लीड करते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर अपने राज्य में सबसे ज्यादा किसी पुलिस अफसर पर भरोसा करते हैं तो वो हैं मनु महाराज. मनु ने बिहार के कई बड़े अपराधियों को पकड़ा है और आज वह बिहार पुलिस में एसपी की नियुक्ति पर हैं.

. डी रूपा

डी रूपा वही पुलिस अफसर हैं जिन्होंने शशिकला को जेल में मिलने वाली विशेष सुविधा का पर्दाफाश किया था. 2016 में उन्हें राष्ट्रपति मेडल से पुरस्कृत किया गया था. डी रूपा सत्ताधारियों के खिलाफ अपने अभियानों को लेकर हमेशा से चर्चा में रही हैं. शशिकला केस के बाद उन्हें परिवाहन विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया था. डी रूपा को फिमेल पुलिस कर्मियों के लिए एक बडी मिसाल माना जाता है और उन्हें कई लोग लेडी सिंघम के नाम से भी बुलाते हैं.

जांबाज़ पुलिस अफसर

४. संजुक्ता पराशर

असम के बोडो आतंकवादियों के लिए बनी काल का दूसरा नाम संजुक्ता पराशरसाल 2006 बैच की आईपीएस अफसर हैं. वे असम में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईपीएस भी हैं. संजुक्ता ने बहुत ही कम समय में असम के बोडो आतंकवादियों के खिलाफ़ अभियान चलाकर बडी सफलता हासिल की है.

जांबाज़ पुलिस अफसर

५. अनन्त देव तिवारी

देश के सबसे खतरनाक पुलिस अफसार माने जाने वाले अनन्त देव तिवारी ने आज तक 100 से ज्यादा एनकाउंटर कर रखे हैं. अनन्त को साल 2006 में प्रमोशन देकर आईपीएस की अवाधि दी गई थी जिन्हें उन्होंने भाखूबी निभाया. 2007 में उन्होंने कुख्यात डकैत ददुआ को आर गिरायाजिसके बाद से उनका नाम सुनते ही अपराधियों की जान निकल जाती है.

जांबाज़ पुलिस अफसर

ये है जांबाज़ पुलिस अफसर  –  घूसखोरी से कोसों दूर ये पुलिसकर्मी देश के सभी पुलिस अफसरों के लिए एक बहुत बडी मिसाल हैं. जो कि यह साबित करते हैं कि अपनी ताकत अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो आप समाज में कितना कुछ बदल सकते हैं.