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“Blue Mormon” : महाराष्ट्र की अपनी “राज्य तितली”

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तितलियाँ हमेशा मन को लुभाती हैं, बच्चों को भी सबसे ज्यादा आकर्षित तितलियाँ ही करती हैं.

पर हम में से कितनों को इसकी जानकारी होती है की तितलियाँ कितने प्रकार की होती हैं?

वो कितने रंगों की होती हैं?

यकीन मानिये बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं होगी.

पर अब महाराष्ट्र सरकार ने सोचा कि दिल लुभाने वाली तितलियों को क्यों  न महत्व दिया जाए और जब हमारे पास कुदरत का इतना खुबसूरत तोहफा है तो उसको प्यार करना तो बनता ही है. इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने “ब्लू मॉरमॉन” जैसी खुबसूरत तितली को अब अपनी “राज्य तितली” का दर्जा दे दिया है.

ऐसा करके महाराष्ट्र देश का पहला राज्य भी बन गया है जिसके पास अपनी राज्य तितली होगी. अब तक राज्यों के “राज्य पशु”, “राज्य फल” या “राज्य पेड़” जैसे संज्ञा तो सुने थे पर पहली बार किसी राज्य ने अपनी “राज्य तितली” घोषित की. महाराष्ट्र की ही बात करें तो शेखरु यहाँ का राज्य पशु है तो आम यहाँ का राज्य पेड़ और अब ब्लू मॉरमॉन होगी यहाँ की राज्य तितली.

महाराष्ट्र 225 प्रकार की तितलियों का घर है.

तितलियों और प्रकृति प्रेमियों पर रिसर्च कर रहे स्कॉलरों ने महाराष्ट्र के वन मंत्री मुन्गंतिवार से निवेदन किया की ब्लू मॉरमॉन को ये दर्जा दिया जाए. ये निर्णय राज्य वाइल्डलाइफ बोर्ड के बैठक में लिया गया जिसको हेड सुधीर मुन्गंतिवार कर रहे थे.

ब्लू मॉरमॉन आकार में दूसरी सबसे बड़ी तितली होती है. इसके पंख काले रंग के होते हैं जिसमे ब्लू स्पॉट्स के होते हैं. छूने और देखने में ये बिलकुल वेलवेट जैसे लगती है. ब्लू मॉरमॉन सिर्फ श्रीलंका, महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में पाई जाती है और अगर आपकी किस्मत अच्छी हो तो कभी-कभी ब्लू मॉरमॉन विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र में भी दिख जाती है.

तो अब बच्चों को सिखने के लिए राज्य तितली भी मिल गयी है.

इसी बहाने बच्चे अब उन कविताओं को भी ज्यादा गुनगुना पाएंगे जो शायद अब खोती सी जा रही हैं.

“तितली उडी, उड़ के चली, फूल ने कहा, आ जा मेरे पास, तितली बोली हट बदमाश..”

और इसी के साथ हम स्वागत करते हैं ब्लू मॉरमॉन का…