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एक ऐसी जगह जहाँ रात में उड़ते हैं पक्षी फिर होती है बेहद डराने वाली घटना

रात में पंछी अपने घोंसलों में लौट जाते हैं और अपने परिवार के साथ रात के कटने का इंतज़ार करते हैं.

कुछ एक ही पक्षी ऐसे होते हैं जो रात में उड़ते हैं. ऐसे पक्षियों में उल्लू आता है. एक ऐसी जगह है, जहाँ अँधेरा होते ही होती है दिल दहला देने वाली घटना. महानगरों से दूर इस जगह पक्षी आत्महत्या करते हैं. जी हाँ, सुनकर भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है. एक ऐसी जगह है जहाँ पर पंछी सच में आत्महत्या कर लेते हैं.

इस जगह को जातिंगा नाम से लोग जानते हैं. असम में दिमा हासो जिले’ की पहाड़ी घाटी में बसा है एक रहस्यमयी गांव है. जातिंगा की सबसे हैरत करने वाली बात यह है कि यहां परिंदे केवल अपनी जान देने के लिए आते हैं. ज़रा सोचिए इंसानों की ही तरह परिंदे भी आत्महत्या करते हैं.

आपको सुनकर अजीब लगेगा. जिन लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है. वो पहले इसे मानने से इनकार कर देते हैं. लेकिन ये सच है. आसाम के दिमा हसाओ ज़िले के जतिंगा गांव में आने वाले प्रवासी पक्षी ख़ुद की जान लिए बगैर यहां से वापस नहीं लौटते. सितंबर से अक्टूबर के बीच की अमावस्या को शाम 6:00 से 09:30 के बीच अपनी जान दे देते हैं. बिलकुल सही पढ़ रहे हैं आप. ये पक्षी इसी तरह अपनी जान दे देते हैं.

इसे आप सामूहिक आत्महत्या कह सकते हैं. अभी तक इसकी गुत्थी सुलझ नहीं पायी है कि ऐसा होता क्यों है. क्यों ये पंछी इस तरह से अपनी जान दे देते हैं. जब अँधेरा छा जाए,  हवा की रफ्तार तेज हो जाए और कहीं से कोई रोशनी कर दे तो चिड़ियों की खैर नहीं. उनके झुंड कीट-पतंगों की तरह बदहवास होकर रोशनी के स्त्रोत पर गिरने लगते हैं. आत्महत्या की इस दौड़ में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की 40 प्रजातियां शामिल रहती हैं. इस घाटी के आसपास रात में लोगों को जाना वर्जित है.

अब हम आपको बताते हैं कि ये जगह असल में है कैसी?

जातिंगा दरअसल असम के बोरैल हिल्स में स्थित है. यहां काफी बरसात होती है और बेहद ऊंचाई पर होने व पहाड़ों से घिरे होने के कारण बादलों और बेहद गहरी धुंध का यहां जमावड़ा रहता है. रात में यहाँ का दृश्य बहुत ही भयानक होता है.

वैसे इसे रहस्य के पीछे का सच वैज्ञानिक बताते हैं. उनके अनुसार गहरी घाटी में बसे होने के कारण जातिंगा में तेज बारिश के दौरान जब पक्षी यहां से उड़ने की कोशिश करते हैं तो वह पूरी तरह से गीले हो चुके होते हैं, ऐसे में प्राकृतिक रूप से उनके उड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है. चूंकि यहां बांस के बेहद घने और कटीले जंगल हैं. ऐसे में गहरी धुंध और अंधेरी रातों के दौरान पक्षी इनसे टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इस तरह से लोगों को लगता है कि ये पक्षी आत्महत्या कर रहे हैं.

अब क्या सच है वो तो अभी तक सामने नहीं आ पाया है, लेकिन इतना तो है कि ये पक्षी जब रात में आत्महत्या करते हैं, तो मंज़र बहुत ही भयानक होता है.

Shweta Singh

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