ENG | HINDI

बिहार में अस्पताल बना तालाब, आईसीयू में तैरती दिखीं मछलियां

बिहार में बारिश

बिहार में बारिश – पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से कई राज्यों का हाल बेहाल है इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं. बिहार का आलम तो यह है कि अस्पताल तालाब बन चुके हैं और वहां मरिजों के कमरे में मछलियां तैरती दिख रही हैं. अस्पताल का ऐसा नज़ारा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा.

बाकी राज्यों की तरह बिहार में बारिश लगातार हो रही है जिसने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं. बारिश की वजह से राज्य के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज का नजारा हैरान करने वाला था. अस्पताल तालाब दिख रहा था और अस्पताल के आईसीयू में पानी इतना ज़्यादा था कि वहां मछलियां तैर रही थीं.

बिहार में बारिश –

पेशेंट को देखने के लिए भी डॉक्टरों को पानी के बीच में ही खड़ा होना पड़ा.

राजधानी पटना में भी कई जगह कमर तक पानी जमा हो गया था. बारिश में जिस तरह से अस्पताल और सड़कों पर पानी भरा नज़र आ रहा है उससे साफ है कि प्रशासन ने बारिश से निपटने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए थे और उसका दावा झूठा था. अस्पलात के आईसीयू में पानी जाना बहुत शर्मनाक है, आखिर पहले से ही पानी निकासी की सही व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी.

अस्पताल लोगों की जान बचाने के लिए होता है यदि यहीं पर ऐसी हालत होगी तो इमरजेंसी में मरिजों का क्या होगा?

उधर बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और दिल्ली का हाल भी बुरा है.

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जमकर बारिश हुई है और नदियों का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है. प्रशासन ने कई बांधों की निगरानी बढ़ा दी है.

युमना नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इससे दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गाय है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने मयूर विहार, प्रीत विहार और गांधी नगर जिलों के तहत आने वाले खादर क्षेत्र से तीन दिनों में 10 हजार लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया है. दरअसल, हथिनी कुंड बैराज से लगातार यमुना में पानी पानी छोड़ा जा रहा है जिससे इसका जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है. यदि ये इसी तरह बढ़ता रहा तो दिल्ली के कई इलाके पानी में डूब जाएंगे.

बिहार में बारिश – हमारे देश में हर साल बरसात में इसी तरह हहाकार मचता है, पूरे साल प्रशासन बस दावे करता रहता है कि मॉनसून से निपटने के उपाय कर लिए गए हैं, मगर जैसी ही मॉनसून आता है उनके खोखले वाले भी पानी की तरह ही बह जाते हैं और लोग परेशान होते रहते हैं.