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भारत के 5 सबसे बड़े दुश्मनों का सनसनीखेज खुलासा ! भारत को बर्बाद करना है इनकी चाल

भारत के दुश्मन

कम ही समय में भारत ने विश्व बैंक में विकसित देशों के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, एमटीसीआर में 35 वें देश के रूप में इसकी सदस्यता ग्रहण की.

भारत ने भी दिखा दिया कि वह भी किसी से कम नहीं हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर कई देशों ने अपनी कूटनीतिक चालों के जरिए उसके पर कतरने की कोशिश की हैं.

फिर चाहे वह अमेरिका हो, चीन ​हो या फिर पाकिस्तान हो.

भारत के दुश्मन, इन देशों ने सदैव भारत के विकास में अड़गा डालने का प्रयास किया और कई जगहों पर यह कामयाब भी रहे हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ऐसे ही कुछ देशों के बारे में जो भारत के दुश्मन के तौर पर सामने आए हैं.

इन्होंने कभी भी नहीं चाहा कि भारत उनके साथ वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराए. भारत पर पीछे से वार करने वाले देश हमेशा से उससे भयभीत रहे, तभी तो उन्होंने उसे एनएसजी में भी शामिल होने पर एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, और तरह—तरह के हवाले देने लगे.

1.  अमेरिका

सब जानते हैं कि अमेरिका अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है. वह शुरू से ही भारत का धुर विरोधी रहा है. उसे ऐन मौकों पर भारत से अपना पल्ला झाड़ते हुए भी देखा गया है. हालांकि वह डंके की चोट पर कहता है कि वह भारत का सबसे अच्छा दोस्त है, लेकिन यह सब उसकी कूटनीति का एक हिस्सा है. वह शुरू से कहता रहा है​ कि वह आतंकवाद के खात्मे में भारत का साथ देगा, लेकिन पिछले दरवाजे से वह आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान का पुरजोर साथ देता ​है. यहां तक कि वह उसे हथियार भी सप्लाई करता है, जिससे उसकी सेना भारत पर आक्रमण कर सके.

2.  चीन

भारत की लाख कोशिशों के बावजूद भी उसे एनएसजी की सदस्यता नहीं मिली, जिसके लिए वह कई वर्षों से प्रयासरत था. इसका सीधे तौर पर चीन ने विरोध किया, जो भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने की बात करता है. भारत में चीन की कंपनियों धड़ल्ले से व्यापार कर रही है, जिनके भारत में करोड़ों उपभोक्ता हैं, इसके बावजूद उसने अन्य देशों के साथ मिलकर भारत को एनएसजी की सदस्यता न देने को कहा उसका कहना था कि भारत ने परमाणु अप्रसार पर संधि पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसलिए इसे इसका सदस्य नहीं बनाया जा सकता है. हालांकि इसके बाद उसने सफाई देते हुए कहा कि अमेरिका का उस पर अन्य देशों पर दबाब था, जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया.

भारत को बड़े भाई का दर्जा देने वाले नेपाल को भी इसने अपनी कूटनीतिक नीतियों का शिकार कर भारत से अलग—थलग कर दिया और यहां अपने सैनिकों को पाल पोस रहा है, ताकि मौका मिलते ही भारत की सीमा पर आक्रमण कर सके.

3.  पाकिस्तान

आं​तकियों को संपौलों की तरह पाल—पोसकर बड़ा करने वाला पाकिस्तान भारत से ही निकल कर भारत को ही आंखे दिखाते है. 93 मुम्बई बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम, लश्करे तैयबा, जैश मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को अपने देश में शरण देने वाला पाकिस्तान अपने आपको पाक साफ कहता है. हमारे कश्मीर को सदैव अपना कहना वाला पाक आए दिन सीमा पर फायरिंग जैसी नापाक करतूतों को अंजाम देता है और संयुक्त राष्ट्र के सामने गुहार लगाता है कि वह निर्दोष है, ये सब भारत की ओर से पहल का नतीजा है, जबकि सच वह भी जानता है और संयुक्त राष्ट्र भी.

4.  तर्की

तुर्की के रिश्ते शुरू से ही भारत के लिए तीखे र​हे हैं. वह हर मौकों पर केवल भारत का विरोध करता ही दिखा. फिर चाहे वह 1971 की पाकिस्तान – भारत की लड़ाई हो या फिर एनएसजी मामला हो. उसने हमेशा पाकिस्तान का सर्मथन किया, जबकि पाकिस्तान कई मौकों पर गलत भी रहा.

5.  इंग्लैंड

आपको यह नाम पढ़कर वाकई काफी आश्चर्य होगा लेकिन अंग्रेजों पहले भी हम पर राज कर चुके हैं और आज भी वह राज ही कर रहे हैं. बड़े ही कुटनीतिक तरीके से यह लोग भारत को नीचा दिखाते हैं. एक तरफ अमेरिका और इंग्लैंड हाथ मिलाते है और दूसरी तरफ यह आतंक का साथ देने वाले देश को मदद करते हैं.

तो ये थे भारत के दुश्मन देश – इस तरह से भारत को आज समझना होगा कि जिसे हम दोस्त समझ रहे हैं असल में वह भारत के दुश्मन है. वक़्त आने पर यही देश विश्वासघात करने में माहिर हैं.

आज हर हिन्दुस्तानी को इन भारत के दुश्मन देशों की सच्चाई का पता होना चाहिए.

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