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इस वजह से हर इंसान को अपने जीवन में कभी ना कभी कराना चाहिए सुंदरकांड का पाठ !

सुंदरकांड पाठ

सुंदरकांड पाठ – कई शुभ अवसरों पर लोग श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ अपने घरों में कराते हैं. कहा जाता है कि किसी भी शुभ काम की शुरूआत से पहले सुंदरकांड पाठ कराने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है.

आखिर सुंदरकांड के पाठ को ज्योतिष शास्त्र में इतनी ज्यादा अहमियत क्यों दी जाती है और क्यों कहा जाता है कि हर इंसान को अपने जीवन में कभी ना कभी सुंदरकांड पाठ जरूर कराना चाहिए.

चलिए हम आपको बताते हैं सुंदरकांड पाठ कराने से क्या लाभ होते हैं.

1- परेशानियों से मिलता है छुटकारा

जब किसी इंसान का जीवन परेशानियों से घिर जाता है तब किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है. इसका नतीजा यह होता है कि आत्मविश्वास में कमी आने लगती है. ऐसे में सुंदरकांड पाठ कराना चाहिए. इससे जीवन की इन तमाम परेशानियों से निजात मिलने लगती है.

2- कुंडली में मौजूूद दोष होते हैं दूर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में दोष है और वो अपने जीवन में विपरित परिस्थियों का सामना कर रहा है तो इससे मुक्ति पाने के लिए सुंदरकाड पाठ कराना फायदेमंद होता है.

3- आत्मविश्वास में होती है बढ़ोत्तरी

सुंदरकांड को आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ानेवाला कांड बताया गया है. इसका पाठ कराने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और किसी भी काम को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास मिलता है.

4- मिलती है श्रीराम की कृपा

घर में सुंदरकांड पाठ कराने से हनुमान जी के साथ-साथ भगवान श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है. जीवन की हर समस्या को दूर करने के लिए सुंदरकांड का पाठ एक श्रेष्ठ और सरल उपाय है.

5- जीत का दिलाता है भरोसा

सुदंरकांड एक भक्त की जीत का कांड है जो अपनी इच्छा शक्ति से इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है. सुंदरकांड में जीवन में सफल होने के महत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए हैं. श्रीरामचरित मानस का सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो श्रीराम के भक्त हनुमान की विजय का कांड है.

गौरतलब है कि पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ कांड माना जाता है क्योंकि यह जीवन के सारे संकटों को दूर करता है इसलिए कहा जाता है कि हर इंसान को कभी ना कभी सुंदरकांड पाठ जरूर कराना चाहिए.