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क्या आप जानते हैं भोजन में क्यों डाले जाते हैं मसाले!

मसालों के गुण

मसालों के गुण – भारत एक मात्र ऐसा देश है जहाँ तरह तरह के मसाले मिलते हैं, जो भोजन में प्रयोग किये जाते है.

भोजन में मसाले का प्रयोग ज्यादातर लोग भोजन  का स्वाद बढाने के लिए करते हैं, लेकिन इन मसालों में भोजन का स्वाद बढाने के अलावा और भी कई प्राकृतिक गुण छुपे हुए हैं, जो भोजन पाचन में मदद तो करते ही है साथ ही हमारे स्वास्थ्य और सेहत को भी सही रखते हैं

भारतीय भोजन, पकवान और खाने की चीजे ज्यादातर मसालेदार और चटपटी होती है, क्योंकि भारतियों को तीखा, मीठा, खट्टा, चटपटा और मसालेदार खाने ज्यादा पसंद आते हैं.

लेकिन खाने में मसाले का उपयोग सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ने के लिए ही नहीं बल्कि और कई कारणों से किया जाता है.

तो आइये जानते हैं मसालों के गुण – किस मसाले में क्या गुण पाया जाता है

मसालों के गुण –

 हल्दी          
ज्यादातर लोगों को लगता है कि भोजन में हल्दी का उपयोग सिर्फ  रंग देने के लिए किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. प्राचीन समय से भारतीय पूर्वजों को हल्दी के गुणों का ज्ञान था. हल्दी  के अंदर  करक्यूमिन नामक प्राकृतिक तत्व पाया जाता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है, जिससे शरीर के अंदर कई बिमारी और जहरीले पदार्थो को बाहर करके शरीर को स्वास्थ्य बनाए रखता है. हल्दी में  एंटी-कार्सिनोजेन और एंटी बैक्टीरियल के गुणों पाए जाते हैं

हल्दी में मौजूद औषधिक गुण सब्जी के विषैलता को ख़त्म करने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का गुण भी होता है. इसलिए हर  सब्जी में हल्दी का प्रयोग किया जाता है.

नमक

नमक का उपयोग भोजन में स्वाद लाने के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि शरीर में आयोडीन की मात्रा को पूरा करने के लिए किया जाता है. प्रचीन समय में खड़ा नमक मिलता था, जिसमे आयोडीन की प्रचुर मात्रा होती थी. नमक का स्वाद बहुत ज्यादा कहर होने से उसको सीधे खा पाना मुश्किल था. इसलिए सब्जी और खाने की चीजों में डालकर नमक का उपयोग किया जाने लगा.

लाल मिर्च 

लाल मिर्च में एंटीऑक्सिडेंट, रक्तचाप नियन्त्र और संचरण क्षमता, जिससे कोलेस्ट्रॉल रोकने व बचाव में मदद मिलती है.इसके साथ शरीर की कैलोरी जलाने में सहायक होती है. इसलिए लाल मिर्ची का प्रयोग भोजन में करते हैं क्योकि खाली मिर्ची खाना संभव नहीं.

हिंग

हिंग एक तरह का पत्थर होता है, जिसमे भोजन को पचाने और पेट साफ़ करने की प्राकृतिक क्षमता होती है. हिंग का उपयोग हर भोजन में नहीं किया जाता क्योकि हिंग एक उतेजक और तीव्र गुणों वाला तत्व है. हिंग का अधिकतर प्रयोग जल्दी न पचने वाले पदार्थों  में या पेट को ख़राब करने से रोकने के लिए किया जाता है.

जीरा
इसमें  लोह तत्व उपस्थित रहता है. इसके साथ जीरा शरीर की इम्यून सिस्टम को  सही रखने में मदद करता है.  साथ ही खाने का स्वाद बढाता है.

सरसों

भोजन में तेल की कमी को पूरा करता है और भोजन के पाचन में मदद करता है. इसलिए सरसों का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है. 

अदरक        

अदरक शरीर में रक्त को तरल और पतला बनाने के साथ रक्त के संचरण को भी सही बनाए रखता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रखता है. साथ ही अदरक शरीर को गर्म करने में मदद करता है. इसलिए खाने में अदरक का प्रयोग मसाले की भांति करते है.

धनिया पत्ती                     

धनिया की पत्तियों में विटामिन ए, बी- 16,  सी, के,  कैल्शियम, पोटेशिय, मैगनीज, आयरन और फोलेट्स होता है.  साथ ही फाइबर और  एंटीऑक्सिडेंट्स गुण भी होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है. धनिया भी तीव्र गंध वाली पत्तियों के कारण सीधे नहीं खाये जाते, इसलिए खानों में मसाले की भांति इसका प्रयोग किया जाता है.

लहसुन

लहसुन से शरीर के बैक्टीरिया ख़त्म होते है.  लहसुन झनझनाहट और हाइपरटेंशन दूर रखता है, रक्त संचार तीव्र होता है, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है, और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है. लहसुन में इतने सारे औषधिक गुणों होने के कारण उसका प्रयोग मसाले की भांति किया जाता है

इलायची

इलायची में विटामिन सी, आयरन, तांबा और रबोफ्लेविन पाया जाता है. इसमें पाचन की तीव्र क्षमता होती है. इलायची में प्राकृतिक एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है और तंत्रिकाओं को शांत रखने में मदद करता है. सांस से होने वाली बदबू की समस्या को खत्म करता है और पाचन की क्रिया को सही करता है.

ये है मसालों के गुण – हर सब्जी में हर मसाले का उपयोग नहीं होता. सब्जी की प्रकृति, गुणवत्ता और विषाक्त के अनुसार मासालों का चुनाव किया जाता है और भोजन में मिलाया जाता है.

सही मसालों का सही उपयोग सेहत के लिए फायदेमंद होता है. मसालों के गुण असर करते है.  मसाले से  स्वास्थ संबंधित  समस्याएं  ख़त्म होती हैं. तुलसी, कच्चा लहसुन और अदरक को चबाने से दांतों के एनेमल को हानि होती है. इसलिए इन सब का काढ़ा पीना फायदेमंद रहता है. बाजार में मिलने वाले मासलों के पाउडर  मिलावटी होते है, इसलिए उनसे फायदे कम और नुक्सान ज्यादा होते है.

इसलिए खड़े मसाले का प्रयोग कर सकते हैं या घर में मिक्सी में पीस कर उपयोग में लाना फायदेमंद होगा.