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रोने के ये 5 फायदे जानकार आप रोना मत शुरू कर दीजियेगा !

रोने के फायदे

दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रोना हमारे लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि हंसना.

जी हां दोस्तों आज मैं आप को रोने के फायदे बताने जा रही हूं, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे

अगर आप भी उनमें से हैं जो अपने दर्द को छुपाते हैं तो अपनी आदतों को बदल डालिए और जब मन करे तो दिल खोल कर रो लीजिए. इससे आपका मन हल्का हो जाएगा और आप अपने आपको काफी फ्रेश महसूस करेंगे.

आइए दोस्तों एक-एक कर मैं आपको रोने के फायदे बताने जा रही हूं

रोने के फायदे – 

1 – डिप्रेशन से बाहर निकालने में मददगार

कोई भी इंसान डिप्रेशन में तब चला जाता है जब वह अंदर ही अंदर घुटता रहता है. उसके दिल में किसी तरह का दर्द, किसी तरह की तकलीफ इत्यादि दबी हो. और वो उसे बाहर ना निकाल पाता हो. ऐसे में कोई भी इंसान धीरे – धीरे कर डिप्रेशन में चलता चला जाता है. लेकिन अगर वो इंसान दिल खोलकर किसी के पास रो लेता है, या नहीं तो अकेले में भी रो ले, तो उसका मन काफी हद तक हल्का हो जाता है. और ऐसे में उसे डिप्रेशन से बाहर निकलने में काफी मदद मिल जाती है.

2 – आंखों की रोशनी बनाए रखने में मददगार

आंखों में मेंब्रेन के सूखने की वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगती है. लेकिन आपके आंसू अगर निकलते रहें तो इसे सूखने नहीं देते हैं. और आंखों की रोशनी बनी रहती हैं. इसलिए आंखों से आंसू का निकलना आपकी आंखों की रोशनी के लिए काफी फायदेमंद है.

3 – बैक्टीरिया को खत्म करने में मददगार

हमारे आंसुओं में लोसोजोम नाम का एक तत्व पाया जाता है. जो बाहरी बैक्टीरिया को खत्म करने में 90 फ़ीसदी तक सफल है.

4 – तनाव मुक्त करने में मददगार

हम जब भी तनाव में होते हैं, और रोते हैं, तो आसुओं के साथ एड्रेनोकार्टिकोट्रोपिक और ल्यूसिन जैसे हार्मोन निकलते हैं. जिससे हमें तनाव से मुक्ति पाने में मदद मिलती है.

5 दिल दिमाग और लिंबिक सिस्टम को ठीक रखने में मददगार

रोने के कारण हमारा मन हल्का होता है जिससे दिमाग लिंबिक सिस्टम और दिल स्वस्थ बना रहता है.

ये है रोने के फायदे – आपको एक उदाहरण के तौर पर मैं बताना चाहूंगी कि आप ध्यान दें तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में हार्ट की समस्या कम होती है. इसके पीछे मेरे ख्याल से सबसे बड़ी वजह है रोना. गौर करने वाली बात है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा खुल कर रो लेती है. जिससे उनका मन हल्का हो जाता है. जबकि वहीं पुरुष अपने दर्द को दबा कर रखते हैं. जल्दी रो नहीं पाते. कहीं ना कहीं उनमें हर्ट की समस्या बढ़ने का ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है.

इसलिए मेरा तो हर किसी से यही सजेशन होगा, कि जब भी दिल करे खुल कर रो लेना चाहिए.