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किस्मत पर भरोसा या कर्मों पर ऐतबार? आखिर करे तो क्या करे?

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किस्मत और कर्म: दो अलग-अलग चीज़ें और सदियों से इंसान इसी कशमकश में लगा है कि आख़िर इन में काम क्या आता है?

किस्मत की बातें करें तो कोई हाथ पढ़वाने जाता है तो कोई माथा!

जन्मपत्री तो ज्योतिषों के पास पैदा होते ही बनवा ली जाती है| और फिर शुरू होता है खेल हर कदम फूँक-फूँक के रखने का| दिन के कौन-से समय बाहर निकलना है, कौन-से महीनों में काम ज़्यादा चलेगा, कौन-से दिन सेहत के लिए हानिकारक होंगे वगेरह वगेरह! और फिर जब सब तरह के जुगाड़ करके भी अपनी मर्ज़ी का फल ना मिले तो सारा दोष किस्मत के सर मढ़ देना!

वहीं जो लोग इन बातों पर भरोसा नही करते और सिर्फ़ अपने कर्मों को ही अपना हथियार समझते हैं, ज़रूरी नहीं कि उन्हें भी अपनी हर मंज़िल मिल जाए! कभी कभी सच्चे दिल से की गयी मेहनत भी रंग नही लाती और उसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं| लेकिन सिर्फ़ अपने कर्मों को दोष देना भी ठीक नही है क्योंकि इंसान सिर्फ़ अपना काम ठीक से कर सकता है, उसका फल क्या मिलेगा, कैसा होगा, कब मिलेगा, यह सब बातें इंसान के हाथ में नही हैं!

इसीलिए ज़रूरी है कि गहराई से समझा जाए कि आख़िर किस्मत है क्या? किस्मत सिर्फ़ ज्योतिषों द्वारा बताई गयी सितारों की चाल नही जो आपका जीवन बदल देगी| कहते हैं ना कि जब आदमी सही वक़्त पर सही जगह मौजूद होता है तो उसके सभी काम बन जाते हैं? आम इंसान इसे किस्मत का नाम देता है लेकिन हक़ीक़त यह है कि सही वक़्त पर सही जगह होने के लिए आपको कर्म भी सही करने पड़ेंगे| अपने घर पर बैठे यह सोच लेना कि किस्मत में होगा तो मिल जाएगा, आपके काम नहीं आने वाला!

कर्म कीजिए, जी लगाकर और ईमानदारी से कीजिए| उसके लिए जो भी ख़ून-पसीना बहाना पड़े, बहा डालिए! फिर फल की चिंता छोड़ दीजिए क्योंकि आपकी मेहनत का फल अगर आप खुद को ही दे देंगे तो फिर यह कायनात क्या करेगी? उस हिसाब से तो हर कोई अंबानी, टाटा, ख़ान और बच्चन बन जाएगा! याद रखिए, संसार के सभी सफल लोग सिर्फ़ किस्मत के बल पर वहाँ नही पहुँचे! बहुत एडियाँ घिसी हैं, मेहनत की है और फिर बाकी छोड़ दिया किस्मत पर! लेकिन अगर सफल नही हुए तो किस्मत को दोषी मान बैठ नही गये, बल्कि अपनी ग़लतियों को जाना, उन पर काम किया और फिर से लड़ाई करने के लिए तयार हो गये!

तो सबसे पहले ध्यान देना है कर्मों पर! ऐतबार करना है तो अपने कर्मों पर कीजिए| उस में सच्चाई रखिए, अपने आप से झूठ मत बोलिए और मेहनत से भागिए मत! आसान रास्ता चुनने की कोशिश मत कीजिए और एक बार जब आपको लग जाए कि आपने अपनी तरफ से कम से कम 100% दे दिया है, फिर ज़्यादा सोचिए मत! उसके बाद काम होगा किस्मत का जिस पर आपका कोई ज़ोर नही है!

तो लग जाइए काम पर और कुछ हासिल कर के दिखाइए!