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BCCI कुछ दिनों में हो सकता हैं दिवालिया.

BCCI

आईपीएल विवाद में कोच्ची टीम के प्रमोटर्स को 550 करोड़ के भुगतान के आदेश के बाद भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि BCCI की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती नज़र आ रही हैं.

इस विवाद के चलते ही BCCI को आदेश मिले हैं कि कोच्ची टीम को उसे अपनी जेब से 550 करोड़ रूपए का भुगतान करना पड़ेगा.

मुंबई मिरर की ख़बर के अनुसार आईपीएल का यहाँ विवाद BCCI के मुश्किलों की शुरुआत बस हैं. अभी BCCI का कई अन्य फर्मों और संस्थाओं के साथ चल रहे ऐसे ही विवाद का निपटारा होना बाकि हैं, जिसके चलते पैसे को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड तकलीफ में पड़ सकता हैं.

बात जब भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड की होती हैं तो BCCI धन कुबेर की संज्ञा दी जाती हैं, क्योंकि आर्थिक रूप से BCCI ही दुनिया के बाकि क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड की तुलना में सबसे अधिक धनाढ्य और संपन्न हैं. आर्थिक रूप से BCCI की तुलना ICC से की जाती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय क्रिकेट बोर्ड से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड को सबसे अधिक मुनाफ मिलता हैं.

लेकिन इन सब विवादों के चलते BCCI खुद अभी मुश्किल में हैं. इस तरह के और कई विवाद हैं जिनके कारण BCCI इस स्थिति पर पंहुचा हैं, और यदि इन सारे विवादों का फैलसा BCCI के पक्ष में नहीं आया तो इसे 6000 करोड़ का नुकसान हो सकता हैं.

इन सभी विवादों में से एक विवाद ऐसा हैं, जिसके चलते BCCI को 4000 करोड़ रूपए का नुकसान हो सकता हैं. यह विवाद BCCI की पूर्व टेलीकास्टर कंपनी निंबस के साथ चल रहा हैं. इस मामले में दोनों पक्ष फैसले को लेकर यही कह रहे हैं कि नतीजा उनके फेवर में ही आएगा तो चिंता की बात नहीं हैं. लेकिन यदि नतीजा BCCI के पक्ष में नहीं आया तो BCCI को इस राशि का भुगतान करना अनिवार्य हो जायेगा.

इस मामले के बाद डैकन चार्जर्स का विवाद BCCI की फेहरिस्त में शामिल हैं.

हैदराबाद की पूर्व फ्रांचाइस्ज़ी डैकन अपने पक्ष को लेकर आश्वत हैं कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. इस तरह से 2013 के आईपीएल में आई एक नयी टीम सहारा पुणे वारियर ने भी BCCI पर आईपीएल अनुबंध को लेकर एक केस फाइल किया हैं. BCCI का 160 करोड़ की राशि का  एक और विवाद zee के साथ भी चल रहा हैं. इस तरह से पैसों को लेकर BCCI कुल 9 विवाद चल रहे हैं-

-160 करोड़ vs zee.

-11 करोड़ का विवाद निंबस.

-550 करोड़ कोच्ची टीम.

-300 करोड़ का विवाद वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप के साथ

-14 करोड़ का मामला निंबस टीवी प्रोडक्शन के साथ.

-4150 करोड़ निम्बस टीवी प्रोडक्शन का विवाद ग्लोबल राइट्स के लिए.

-750 करोड़ डैकन चार्जेज

-1500 करोड़ इनकमटेक्स विभाग के साथ

-सहारा पुणे वारियर के साथ.

(सभी मामलों की राशि अनुमानित हैं)

इन सारे मामलों में यदि फैसला BCCI के पक्ष में नहीं आता हैं तो भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड ज़रूर मुश्किल में पड़  सकता हैं.