बजरंग बली की जय… सियावर राम चन्द्र की जय…
हमारे देश में राम भक्त हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना और जाना जाता है.
लेकिन ये जानकारी आपकी श्रद्धा को ठेस पहुंचा सकती है…
बजरंगबली हनुमान अविवाहित नहीं बल्कि विवाहीत थे.
जी हां उनकी शादी हुई थी.
दरअसल भारत के कुछ हिस्सों में बजरंगबली हनुमान जी को विवाहीत मानकर उनकी पूजा की जाती है. खासकर ‘तेलंगाना’ में.
इस मंदीर में विराजमान है हनुमान जी और उनकी पत्नी
तेलंगाना के खम्मम जिले में सालो पुरानी एक प्राचीन मंदीर है, जिसमे हनुमान जी की और उनकी पत्नी सुवर्चला की मूर्ती विराजमान है. ऐसा माना जाता है कि जो भी पति-पत्नी इस मंदीर में जाकर पूजा करता है, उनके विवाहिक जीवन की सभी परेशानी दूर हो जाती है. उनकी मनोकामनाएं पुरी हो जाती है और पति-पत्नी के बीच प्यार बना होता है.
तो ऐसे हुआ हनुमान जी ब्याह
तेलंगाना में पाराशर संहिता की मान्यता है.
पाराशर संहिता के अनुसार, हनुमान जी खुद को शक्तिशाली और प्रबल बनाने के लिए उन 9 दिव्य शक्तियों को पाना चाहते थे, जो सूर्य देव के पास थी. उन दिव्य शक्तियों को पाने के लिए हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु मान लिया. सूर्यदेव ने हनुमान जी को 5 दिव्य शक्तियां तो दी लेकिन 4 दिव्य शक्तियां नहीं दी.
सूर्यदेव के अनुसार बाकी की 4 दिव्य शक्तियां उन्हें दी जा सकती थी, जो विवाहित हो. लेकिन हनुमान जी ब्रह्मचारी थे.
आखिरकार, बची हुई शक्तियां पाने की चाह में हनुमान जी को बेमन सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से ब्याह करना पडा.
उसके बाद इस भव्य मंदीर का निर्माण किया गया और उसमे हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला जी को स्थापित किया गया.
इन पौराणिक कथाओं के अनुसार देश ही नहीं बल्कि विदेशो से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु इस मंदीर में पहुचते है. यहाँ की मान्यता है कि जिस पति-पत्नी को संतान प्राप्ती नहीं हों रही हो, वो यहाँ आकर सच्चे मन से मंदीर में पूजा करे.
यक़ीनन उनकी मन्नते बजरंगबली हनुमान जी ज़रूर पुरी करते है.