विशेष

5 बातें जो सिद्ध करती हैं कि बहादुर शाह जफ़र बहादुर, देशभक्त और शहीद नहीं था!

इतिहास की पुस्तकों में लिखा गया है कि बहादुर शाह ज़फ़र एक महान राजा था.

इसकी बहादुरी के किस्सों से इतिहास भर दिया गया है. लेकिन मौत से पहले बहादुर शाह जफ़र की बहादुरी भी उसका साथ छोड़ चुकी थी.

अंग्रेजों के टुकड़ों पर पल रहा राजा अंग्रेजों से जिंदगी की भीख मांग रहा था. पुस्तक ‘मुस्लिम शासक और भारतीय समाज’ में लिखा गया है कि वह बहादुर, देशभक्त और शहीद नहीं था.

वैसे अगर यह राजा बहादुर होता तो बहादुरों की तरह ही मरना भी पसंद करता. आज हम आपको बहादुर शाह जफ़र की मृत्यु से पहले की 5 बातें बताने वाले हैं.

यह बातें सिद्ध करेंगी कि बहादुर शाह जफ़र महान और साहसी तो बिलकुल नहीं था.

1.  उसका राज्य लाल किले के अन्दर तक ही था. तब अंग्रेजों का प्रवेश भारत में हो चुका था और इस राजा ने अपनी जनता की ना सोचते हुए 12 लाख रुपये पेंशन में अंग्रेजों को सत्ता सौप दी थी. (इस बात को भारतीय पीढ़ियों को ना जाने क्यों नहीं पढ़ाया जाता है. एक ऐसा राजा जिसने देश को गिरवी रख दिया था उसके नाम पर सड़कों के नाम रख दिए गये हैं.)

2.  1857  की क्रांति के बाद अंग्रेजी सेना दिल्ली पहुँच गयी थीं. 20 सितम्बर 1857 को अंग्रेजी सेना ने फिर से दिल्ली पर अधिकार जमा लिया था. अगर बहादुर शाह जफ़र बहादुर और देशभक्त होता तो वह सुरंग के रास्ते से भागता नहीं बल्कि अंग्रेजों का सामना करता.

3.  राजा के सामने ही उसके एक पुत्र और पौत्र को अंग्रेजी कैप्टन ने गोली मारी और राजा को गिरफ्तार कर लिया. अगर यह शेर दिल इंसान होता तो उसी समय अंग्रेजों से मुकाबला करता. लेकिन इस राजा ने एक भी बार अंग्रेजों क टक्कर देने की कोशिश नहीं की.

4.  जब बहादुर शाह जफ़र पर मुकदमा चल रहा था तब वह अंग्रेजों के सामने घुटनों के बल बैठकर रोते हुए खुद को बेकसूर सिद्ध करने में लगा हुआ था. जबकि एक शहीद कभी भी इस तरह से जिन्दगीं की भीख नहीं मांगता है.

5.  इस सम्राट को सजा दी हुई और यहाँ से इसको रंगून की जेल में भेज दिया गया और 7 नवंबर 1962 को जफ़र की मृत्यु हो गयी और वहीँ पर इसको दफना कर दिया गया.

इन बातों से सिद्ध होता है कि एक भी बार बहादुर शाह जफ़र ने अंग्रेजों से टक्कर लेने की कोशिश नहीं की. कभी भी उसने देश के बारें में कुछ नहीं सोचा और जनता की तो उसको कोई भी फिक्र नहीं था.

ना जाने फिर भी क्यों हम बहादुर शाह जफ़र को शहीद मानते हैं असल में इसको शहीद बोलकर हम अन्य शहीदों का अपमान करते हैं.

(प्रस्तुत लेख में लेखक के निजी विचार हैं और इससे यंगिस्थान का कोई लेना देना नहीं है)

Chandra Kant S

Share
Published by
Chandra Kant S

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago