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बाबा रामदेव ने दिया है अपने मित्र को ये कीमती उपहार

आचार्य बालकृष्ण

नेपाल के मूल निवासी और बाबा रामदेव के मित्र आचार्य बालकृष्ण ने भारत को अपनी कर्मभूमि बनाकर आयुर्वेद के क्षेत्र में जो योगदान दिया उसे कौन नहीं जानता.

बाबा रामदेव ने अपने देश के लिए स्वदेशी और आयुर्वेद के लिए तो बहुत कुछ किया लेकिन उनके मित्र आचार्य बालकृष्ण के मन में कहीं न कहीं यह मलाल अवश्य होगा कि काश वे भी अपने मूल देश नेपाल के लिए भी कुछ ऐसा ही कर पाए.

ऐसा लगता है कि बाबा रामदेव ने अपने मित्र के अंतरमन की तड़प को सुन लिया है.

अब वे अपने मित्र आचार्य बालकृष्ण को एक ऐसा ही उपहार देने जा रहे हैं जिसके बाद उनके मन का भार कम हो जाएगा. बाबा रामदेव ने भारत के बाहर नेपाल को भी स्वावलंबी बनाने का बीड़ा उठा लिया है.

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजली ने नेपाल में 5 बिलियन रुपए का निवेश करने का निश्चय किया है.

इससे वहां नेपाली युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि नेपाल की कृषि और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. इससे नेपाल में रोजगार के लिए काम करने के लिए बाहर जाने वाले युवको में भी कमी आएगा. उनको अपने ही देश में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

बाबा रामदेव नेपाल में ऑर्गेनिक दवाईयों और अन्य उत्पादों की फैक्ट्री लगाएंगे.

अनुमान है कि इससे वहां करीब 20000 नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके लिए बाबा रामदेव और नेपाल के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल में पतंजलि आयुर्वेद ग्राम उद्योग की एक नई फैक्ट्री की आधारशिला रखी है.

नेपाल की एक सप्ताह की यात्रा पर गए बाबा रामदेव ने फेडरेशन ऑफ नेपालीज चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ संवाद कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया कि पतंजली ने नेपाल में पहले 1.5 बिलियन के निवेश से जो फैक्ट्री स्थापित की गई थी उसमें अब 5 बिलियन रुपए का निवेश किया जाएगा. इस फैक्टरी में विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं और हर्बल प्रसाधनों का उत्पादन किया जाएगा।

आपको बता दे कि बाबा रामदेव अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्णा के साथ नेपाल के बारा जिले में गए हुए हैं. बाबा काठमांडू के टुंडीखेल मैदान में 5 दिन का योग शिविर आयोजित कर रहे हैं. बीरगंज में होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भंडारी, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, मंत्रियों, नेताओं और कारोबारी समुदाय के लोगों सहित कई अन्यों को आमंत्रित किया गया है.

बताया जाता है कि बाबा रामदेव के इस कदम से भारत और नेपाल के संबंधों को भी मजबूती मिलेगी.

आपको ज्ञात होगा कि पिछले समय से भारत और नेपाल के संबंध काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं. वहां चीन की खुफिया एजेंसी माओवादियों के साथ मिलकर नेपाल की जनता को भारत से अलग करने की मुहिम में लगे हुए हैं.

उम्मीद है कि जिस प्रकार बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों मुश्किल घड़ी में एक दूसरे के साथ कंधें से कंधा मिलकार खड़े रहे आने वाले समय में भारत और नेपाल की मित्रता भी अटूट रहेगी.