ENG | HINDI

दुनिया खत्म होने तक अमर रहेगा यह योद्धा ! महाभारत काल से भटक रहा है धरती पर !

द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा

असीरगढ़ के किले में भटक रहे हैं अश्वत्थामा

मध्यप्रदेश का एक छोटा सा शहर है बुरहानपुर.

इस शहर के किनारे ऊंची पहाड़ी पर मौजूद है असीरगढ़ का किला. कहा जाता है कि ये वही किला है जहां पिछले 5000 सालों से द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा भटक रहे हैं.

इस किले के आसपास रिहायशी इलाका तो नहीं लेकिन इस किले के पास से होकर गुज़रनेवाले कई लोगों का सामना अश्वत्थामा से हो चुका है.

जिनका सामना द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा से हो चुका है उनका कहना है कि अश्वत्थामा के माथे से खून निकलता है. वो कोई परछाई, कोई साया, कोई भूत-प्रेत नहीं है बल्कि वो एक जीता-जागता इंसान है, जो लोगों से बातें करता है.

Asirgarh-fort

1 2 3 4 5