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पब्लिसिटी पाने के लिए बजरंगी को भी नहीं बक्शा अरविन्द भाईजान ने

Arvind Kejriwal Insult Hanuman

पूरे देश में JNU मामले का हंगामा हो रहा है. 

कोई समर्थन में तो कोई इस मामले के विरोध में अपनी अपनी सहूलियत और विचारधारा के अनुसार लगा पड़ा है.

अब ज्वलंत मुद्दा हो और अरविन्द केजरीवाल उसका फायदा ना उठाये ये तो वैसा ही होगा जैसे सूरज उगना भूल जाए. राजनीती बदलने की बात करने वाले दिल्ली के या फिर उनकी हरकतों से तो लगता है कि दिल के नहीं वो भारत के मुख्यमंत्री है.

वो इस मामले में कुछ ऐसा ना करे कि जनता का ध्यान उन पर जाए या उनपर एक आध केस या कोई थप्पड़ या स्याही ना फेंके तब तक शायद उनको अच्छा नहीं लगता.

अब JNU में हुई नारेबाजी का सच तो अभी तक किसी को पता नहीं है तो इस बारे में खुल्लम खुल्ला कोई बयानबाजी करके अरविन्द केजरीवाल फंसना नहीं चाहते.

इसलिए वो पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले. वैसे शुरू में उन्होंने एक ट्वीट  भी किया था जिसमे वो मोदी को एक तरश से धमकी दे रहे थे. जैसे कि मोदी ने ही JNU में हंगामा करवाया है.

उस ट्वीट के बाद लोगों ने अरविन्द केजरीवाल की फेसबुक और ट्वीटर पर कह के ले ले थी. उनके विरोधियों ही नहीं उनकी पार्टी का समर्थन करने वालों ने भी ऐसे परिपक्व बयान के लिए केजरीवाल को लताड़ा.

उसके बाद अरविन्द केजरीवाल कुछ शांत रहे लेकिन अपने चारों तरफ लोगों को मुफ्त का प्रचार पाते देख उनसे शायद रहा नहीं गया.

इसलिए उन्होंने कल द हिन्दू में छपे एक विवादास्पद कार्टून को अपने ट्वीटर अकाउंट से शेयर किया.

Kejriwal-insult-hanuman

इस कार्टून में हिन्दू भगवान हनुमान की तर्ज पर JNU के मुद्दे को उठाया गया है और दिखाया है कि JNU में आग लगाकर हनुमान नरेंद्र मोदी के पास आ रहे है और उन्हें कह  रहे है कि काम हो गया.

नरेंद्र मोदी को भी मेक इन इंडिया के जलते मंच पर दिखाया गया है और मंच के हर कोने पर महंगाई, किसान आत्महत्या, रोहित वेमुला जैसे मुद्दे लिखे है.

अखबार में छपने के बाद से ही ये कार्टून विवाद में आ गया था. देखा जाए तो इस कार्टून के माध्यम से सीधे सीधे JNU मामले का दोषी नरेंद्र मोदी को बताया जा रहा है.

ऐसे में अरविन्द केजरीवाल का ये कार्टून शेयर करना बेहद अपरिपक्व है.लेकिन इसमें अरविद केजरीवाल का भी दोष नहीं है अब उनकी हालत ऐसी हो गयी है कि एक दिन भी वो सुर्ख़ियों में ना आये तो उन्हें शायद बदहजमी हो जाती है.

खुद को आम आदमी कहने वाले अरविन्द केजरीवाल राजनीति में सबसे ख़ास निकले. कोई भी ऐसा राजनैतिक हथकंडा नहीं है जो अरविन्द केजरीवाल चर्चा में रहने के लिए नहीं अपनाते.