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आधुनिक लोगों को अपने निर्माणों पर शर्म आएगी, जब वो ये वास्तुओं की कलाकारी देखेंगे

lotus-temple

लोक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

बहाई मंदिर

दक्षिण दिल्ली के कालका जी में 26 एकड़ में बना बहाई मंदिर जिसे लोटस टैंपल भी कहा जाता है, दिसम्बर 1986 में बना. लोटस टैंपल भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल और भारतीय सौन्दर्य का न केवल प्रतीक है बल्कि सर्वधर्म की एकता और शान्ति का प्रतीक है. इसमें एक बड़ा शान्त और प्रार्थना स्थल है जिसमें सभी धर्मों के लोग अपने-अपने इष्टदेव या धर्म की प्रार्थना करते हैं यहाँ कोई भी मूर्ति या किसी भी प्रकार का धर्म नहीं है. अपने इसी ख़ास गुण के कारण यह दिल्ली और देश-विदेश में ताजमहल के बाद लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है.

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जो भी बाते हमने आपको बताई ये तो बहुत बड़े और सुंदर कलाकृतियां है. ऐसे कई अनगिनत वस्तुंए है जो आज तक अपनी खूबसुरती के लिए पहचानी जाती है. कई घर है जहा लोग रहते है, उन्होंने वो पौराणिक चीजों का जतन किया है.

जबकी आज आधुनिक ज़माने में सीमेंट के घर लोग इस तरह बना रहे है मानो कुछ वर्षो में जंगल और पेड़ रहेंगे ही नहीं.

बड़े शहरों में जगह तो वैसे भी कम है जहा लोग केवल रात को सोने के लिए इस्तमाल करते है. इन घरों की गुणवता तो बताने कि आवश्यकता ही नहीं १०-15 साल में ही इमारत गिरने के कगार पर होती है. कुछ तो गिर भी जाते है. और आये दिन ऐसे हादसे सुनने को मिलते है, बिल्डर अपनी और अधिकारियो की जेब भरते भरते घर की गुणवत्ता का ध्यान ही नहीं रखता. जिसका खामियाजा वहा रह रही जनता को भुगतना पड़ता है.

इन्हें देखने के बाद विज्ञान और तकनीकी को भी मुंह छिपाना पड़ सकता है.

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