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क्‍या सूर्य तक जाने वाला अंतरिक्ष यान पिघल नहीं जाएगा

पार्कर सोलर प्रोब

पार्कर सोलर प्रोब – सूर्य बहुत गरम ग्रह है और इस ग्रह पर जाना तो क्‍या कोई इसके आसपास भी नहीं भटक सकता है।

पृथ्‍वी पर तो इंसान का कब्‍जा हो चुका है और अब वो मंगल पर भी इंसान के जीवन की संभावनाओं की तलाश कर रहा है। इसके अलावा इंसान ने चांद पर भी कदम रख दिया है लेकिन हमारी पहुंच से बस सूरज ही दूर रह गया है।

सूरज की गर्मी इतनी तेज होती है कि अगर कोई भी उसके करीब गया तो झुलस जाएगा लेकिन अब नासा ने सूर्य के निकट जाने की योजना बनाई है।

पार्कर सोलर प्रोब

सूर्य तक पहुंचने के लिए नासा ने पार्कर सोलर प्रोब को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। यह अंतरिक्षयान सूर्य के बाहरी वातावरण के रहस्‍यों पर से पर्दा उठाने और अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले उसके प्रभावों को जानने के लिए सात साल का सफर तय करेगा।

इस प्रक्षेपण के दो घंटे बाद नासा ने एक ब्‍लॉग में लिखा, ‘अंतरिक्ष यान बेहतर स्थिति में है और यह स्‍वयं काम कर रहा है। पार्कर सोलर प्रोब सूरज को स्‍पर्श करने के अभियान पर चल पड़ा है।

ऐसी पहली है यात्रा

यह अभियान सचमुच एक तारे की ओर मानव की पहली यात्रा को चिह्नित करता है जिसका असर ना केवल धरती पर पड़ेगा बल्कि हम इससे अपने ब्रह्मांड को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। इस सबके बावजूद अब अहम सवाल ये है कि क्‍या सूर्य के पास पहुंचने परयह अंतरिक्षयान पिघल नहीं जाएगा।

आपको बता दें कि सूरज तक पहुंचने की यात्रा में इस अंतरिक्ष यान को 1377 डिग्री सेल्सियस तापमान से गुज़रना होगा। इसमें थर्मल प्रोटेक्‍शन सिस्‍टम लगा हुआ है। सूर्य की भयंकर गर्मी से अंतरिक्षयान और उपकरणों की सुरक्षा इसमें लगाई गई साढ़े चार ईंच मोटी एक डाल करेगी जो कार्बन से बनी हुई है।

नासा ने अपने ब्‍लॉग में यह बात भी साफ कर दी है कि अंतरिक्षयान के सूर्य के पास जाकर ना पिघलने के पीछे और भी साइंस के कई तर्क काम करते हैं। असल में साइंस की भाषा में तापमान और गर्मी, दोनों अलग-अलग चीज़ हैं।

कोई भी चीज़ कितनी भी गर्म हो यह इस बात पर निर्भर करती है कि वातावरण में कितना तापमान और कितनी वस्‍तुएं मौजूद हैं।

अगर वातावरण बहुत खाली है तो पदार्थ कम गर्म होगा। अंतरिक्ष में भी बेहद कम पदार्थ मौजूद हैं इसलिए अंतरिक्षयान उतना ही अधिक गर्म नहीं होगा जितना आमतौर पर लोग समझते हैं।

नासा ने ये बात पूरी तरह से साफ कर दी है कि उनका अंतरिक्षयान सूर्य के पास जाने पर झुलसेगा नहीं और उन्‍हें उसके वापिस आने की भी पूरी उम्‍मीद है। अपने अंतरिक्ष यान को सूर्य के पास भेजने के लिए नासा ने बहुत तैयारी की है और उनके इस दावे से ये बात पता भी चलती है।

अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि नासा का सूरज के पास अंतरिक्षयान को भेजने का दावा सही साबित होता है या नहीं। क्‍या सच में नासा का ये अंतरिक्षयान सूर्य की तेज गर्मी को बर्दाश्‍त कर पाएगा या फिर झुलस कर वापिस कभी नहीं आ पाएगा।

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