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अमेरिकी राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा भारतीय गदर पार्टी का इतिहास

गदर पार्टी

गदर पार्टी – भारत को आजादी मिलने तक कई आंदोलन हो चुके थे।

कई पार्टियों ने इस आजादी को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन इन आंदोलन में गदर पार्टी का योगदान महत्वपूर्ण था। उनके इस योगदान का लोहा अब अमेरिका के एक राज्य ने भी माना है। इसलिए अमेरिका के उस राज्य में बच्चों को भारतीय गदर पार्टी का इतिहास पढ़ाएगा। अमेरिका के ओरेगन राज्य के स्कूलों के पाठ्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाली गदर पार्टी के इतिहास को शामिल किया जाएगा और जल्द ही वहां के विद्यार्थियों को इसके बारे में पढ़ाया जाएगा।

ओरेगन के शीर्ष अधिकारियों ने की घोषणा

यह घोषणा अमेरिका के ओरेगन राज्य के शीर्ष अधिकारियों ने की है। यह फैसला गदर पार्टी को सम्मान देने के लिए किया गया है। क्रांतिकारी समूह गदर पार्टी की स्थापना के आज 105 साल पूरे हो गए हैं। जिसके मौके पर ओरेगन के शीर्ष अधिकारियों ने स्कूल पाठ्यक्रम में इस पार्टी के इतिहास को शामिल करने का फैसला किया है। ओरेगान के एटॉर्नी जनरल एलेन एफ रोजनब्लम ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना राज्य के स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी।

गदर पार्टी

अमेरिका में मनाया गया जश्न

गदर पार्टी की स्थापना के 105 साल पूरे होने पर भारत में जश्न मना हो या ना हो, लेकिन अमेरिका में इसका जश्न जरूर मनाया गया। भारत की आजादी के आंदोलन में इस पार्टी ने योगदान दिया था। राज्य के शीर्ष अधिकारियों ने घोषणा की कि ओरेगन के स्कूलों में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का महत्व पढ़ाया जाएगा।

गदर पार्टी

एस्टोरिया शहर से हुई थी गदर पार्टी की शुरुआत

भारतीयों को शायद गदर पार्टी की स्थापना और उससे जुड़ा इतिहास ना मालूम हो। लेकिन अमेरिका में इस पार्टी का काफी सम्मान किया जाता है। इस पार्टी की शुरुआत अमेरिका के ऐतिहासिक शहर एस्टोरिया से हुई थी। इस शहर में आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार 1910 में 74 हिंदू पुरुष थे, जिनमें से ज्यादातर पंजाबी थे। ये भारतीय यहां लकड़ी काटने वाली स्थानीय कंपनी में श्रमिक के रूप में काम करते थे और गदर पार्टी के पहले स्थापना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये साथ आए थे।

गदर पार्टी

लाला हरदयाल ने किया था इन पंजाबियों को संगठित

ये सारे मजदूर वहां संगठित होकर रहते थे और साथ ही काम करते थे। इस दौरान भारत से लाला हरदयाल को इंग्लैंड की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क्रांति आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां चलाने के आरोप में निकाल दिया गया। जिसके कारण वे अमेरिका चले आए। यहां लाला हरदयाल ने इन पंजाबियों को इकट्टा किया। इसके बाद 23 अप्रैल, 1913 को एस्टोरिया में गदर पार्टी की स्थापना की घोषणा की गई। इसका संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना को बनाया गया।

गदर पार्टी

इस साल इस पार्टी के 105 साल पूरे होने पर वहां कई आयोजन आयोजित करवाए गए और इस पार्टी के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया गया। यह भारत के लिए सम्मान की बात है। क्योंकि वर्तमान में भारत और अमेरिका के रिश्ते पहले की तरह मधुर नहीं रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका सही मायनों में हिम्मत और आदाजी की कद्र करता है।