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अजंता और एलोरा की गुफाओं का रहस्य ! क्या भारतीय संत एलियंस से काम करवाते थे?

अजंता और एलोरा

क्या आप  कभी अजंता और  एलोरा की गुफाओं को देखने गये हैं?

आर्कियोलॉजिस्टों के अनुसार इसे कम से कम 4,000 वर्ष पूर्व बनाया गया था.

अब 4 हजार साल पहले कौनसी तकनीक मौजूद थी जो इस शानदार आर्ट को बनाने में इस्तेमाल की गयी थी यह अभी तक रहस्य बना हुआ है. 40 लाख टन की चट्टानों से बनाए गए इस मंदिर को किस तकनीक से बनाया गया होगा?

इस पहेली को सुलझाने के लिए विश्व भर से लोग आते हैं.

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कहते हैं कि इन गुफाओं के नीचे एक अन्य शहर भी बसा हुआ है. बेशक यह किसी को नजर नहीं आता है. लेकिन किताबों के अनुसार यहाँ से जरूर दूसरी दुनिया का सफ़र शुरू होता है.  इन गुफाओं को कोई आम इंसान या आज की आधुनिक तकनीक नहीं बना सकती. यहां एक ऐसी सुरंग है, जो इसे अंडरग्राउंड शहर में ले जाती है.

एलियंस ने बनाई थीं अजंता और एलोरा ?

ऐसा बोला जाता है कि इन गुफाओं को बनाने में एलियंस की मदद ली गयी थी. इंसान खुद इनको नहीं बना सकता था और ना ही इस तरह तब कोई तकनीक थी. कई भारतीय संत तब एलियंस की दुनिया से बात कर सकते थे. यह लोग एलियंस को धरती पर बुला सकते थे और इसी क्रम में एलियंस यहाँ पृथ्वी पर आये होंगे और उन्होंने अपनी कला का प्रयोग करते हुए इतना शानदार काम किया होगा.
गुफा के अन्दर भारी-भारी पत्थरों को उठाकर लगाया गया है. इन पत्थरों को तरासने में एलियंस ने ही मानव की मदद की थी.

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कहा जाता है कि गुफाओं की खोज आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ व उनके दल ने सन् 1819 में की थी. वे यहां शिकार करने आए थे. तभी उन्हें यह 29 गुफाएं नजर आई. इसके बाद ही ये गुफाएं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गईं.

क्या है अजन्ता की गुफाओं में

औरंगाबाद से 101 किमी दूर उत्तर में अजंता की गुफाएं स्थित हैं. सह्याद्रि की पहाडिय़ों पर स्थित इन 30 गुफाओं में लगभग 5 प्रार्थना भवन और 25 बौद्ध मठ हैं. इन गुफाओं में 200 ईसा पूर्व से 650 ईसा तक बौद्ध धर्म व संस्कृति का चित्रण है.

क्या है एलोरा की गुफाओं में

औरंगाबाद से 30 किमी दूर एलोरा की गुफाएं हैं. एलोरा में 34 गुफाएं हैं. ये गुफाएं बेसाल्टिक की पहाड़ी के किनारे-किनारे बनी हुई हैं. इन गुफाओं में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के प्रति आस्था दर्शाई गई है.

क्या इन गुफाओं में देवता रहते थे?

कुछ लोग बताते हैं कि इन गुफाओं के अन्दर देवताओं का वास था. यहाँ पर देवता रहते थे. इसी लिए यह जगह सालों तक लोगों से छुपी रही. और जब इनको खोजा गया तो तब यहाँ से वह चले गये. इसी लिए यहाँ से एक रास्ता दूसरी दुनिया को भी जाता था जो शायद अब बंद हो गया है.

वैसे अगर आप इन गुफाओं को देखेंगे तो इतना तो जरूर समझ जायेंगे कि इनका निर्माण इंसान के बस की बात नहीं थी.