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कपल के बीच में उम्र का फासला बताता है शादी कितने दिनों तक चलेगी!

उम्र का फासला

जिन्दगी के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है शादी या विवाह करने का फैसला। जो कि सभी को कभी न कभी करनी ही पड़ती है।

वैसे शादी को लेकर कई लोग बड़े असमंजस में होते है कि हमारा होने वाला जीवनसाथी कैसा होगा?

हमारी शादी का भविष्य कैसा रहेगा?

जैसे कई सारे सवाल मन में उठते है। कभी-कभी दोस्त या रिश्तेदार इन सवालों के जवाब दे देते है, तो कभी बिना जवाब के ही काम चलाना पड़ता है। लेकिन हम आपको शादी और शादी में उम्र का कितना महत्व होता है उससे जुड़े कुछ तथ्यों को बता रहे है जो काफी हद तक आपकी जिज्ञासा को शांत करने का काम करेंगे।

वैसे शादी करना हमारी जिंदगी का खुबसूरत लम्हा तो है लेकिन क्या आपको पता है कि शादी करने वाले कपल्स की उम्र के बीच कितना अंतर होना चाहिए? क्योंकि कई दफे हम देखते हैं कि दूल्हा 35 साल का है, तो दुल्हन 18 साल की।

उम्र का फासला

ऐसे में ये जानना भी बेहद अहम हो जाता है कि शादी के दौरान जोड़े के उम्र का फासला क्या है? और उसका शादी पर क्या असर पड़ेगा।

जाने वैज्ञानिक कारण-

इमोरी विश्वविद्यालय के एंड्र्यू फ्रांसेस और ह्यूगो मिआलोन द्वारा किए गए शोध में इस बात की जानकारी सामने आई। इस शोध में 3000 कपल्स ने हिस्सा लिया। शोध के मुताबिक कपल्स के बीच उम्र का जितना अधिक फासला होगा, शादी के टूटने के चांसेस उतने ही बड़ जाते हैं। इस शोध की मानें तो अगर कपल्स के बीच उम्र का फासला 5 साल तक है, तो ऐसी शादियों के टूटने की उम्मीद 18 फीसदी बड़ जाती है।

अगर कपल्स के बीच उम्र का फासला 10 साल का है, तो शादी टूटने का औसत 39 फीसद बड़ जाता है।

वहीं, अगर ये फासला 20 साल या अधिक का है, तो 95 फीसद शादियां टूट जाती हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक शादी के दौरान कपल्स के उम्र के बीच फासला अगर एक साल या कम का है, तो शादी टूटने के चांसेज सिर्फ 3 फीसदी तक ही रहते हैं।

सामाजिक कारण-

क्योंकि हम एक समाज का हिस्सा है इसलिए हमें समाज के उन नियमों को मानना ही पड़ेगा। वैसे आज के दौर में प्रेम विवाह और ब्रह्म विवाह (अरेंज मेरिज) दोनों ही पद्धतियों में यह देखा जाता हैं कि या तो लड़के की उम्र लड़की से ज्यादा होती हैं या लड़की की लडके से कम। क्या ऐसे सम्बन्ध सामान्य रहते हैं या उन पर आयु का प्रभाव पड़ता हैं। बिल्कुल कपल्स पर उनकी उम्र का असर पड़ता है इसके वैज्ञानिक कारण तो है ही साथ में सामाजिक कारण भी है क्योंकि भारतीय समाज में लड़की की उम्र लड़के की उम्र से कम होती है।

परिपक्वता भी एक बड़ा कारण है-

ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां अपनी उम्र और लड़कों से जल्दी परिपक्व हो जाती हैं। जिससे उनमें सोचने – विचारने की क्षमता और समझदारी जल्दी आ जाती हैं। इसके विपरीत लड़कों में उनकी उम्र के बाद परिपक्वता आती हैं। जिससे यदि एक ऐसे जोड़े का विवाह हो जाए जिसमें लड़की उम्र में ज्यादा बड़ी हो और लड़के की उम्र कम हो, तो उनके विचारों में तो अंतर आता हैं. इसके साथ उनके दाम्पत्य जीवन पर भी आयु का प्रभाव पड़ता हैं।

आपसी प्रेम भी एक कारण है-

ऐसा कहा जाता है कि सही उम्र में विवाह होने से आपस में प्रेम बना रहता है और शादी सफल हो जाती है। इसके अलावा लड़का और लड़की के बीच की उम्र का गैप भी मायने रखता है, क्योकि एक सही उम्र होने से दोनों को एक-दूसरे को सोचने और समझने में आसानी रहती है। उनके बीच आयु का सही अंतर हैं तो वो दोनों लोग अपनी समझदारी से एक – दुसरे के साथ अपना जीवन सुखपूर्वक व्यतीत करने में सक्षम होते हैं तथा ऐसे लोगों के सम्बन्धों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती। इसके विपरीत वैज्ञानिकों का मानना हैं कि यदि पुरुष की आयु महिला की आयु से अधिक हैं तो वह कई प्रकार की समस्याओं का सामना करने से बच सकता हैं।

अब आप समझ ही गये होंगे की एक शादी को सफल बनाने में उम्र का फासला कितना महत्वपूर्ण है। और जब भी आप शादी करे तो इस बात का बिल्कुल ध्यान रखे।

क्योंकि हमारे यहां शादी सिर्फ एक शादी नही बल्कि सात जन्मों का साथ माना जाता है।

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