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ये मंदिर है 400 साल पुराना और सालों से इस मंदिर की मूर्तियाँ करती हैं आपस में बातें !

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर

हमारे देश में कई ऐसे चमत्कारिक मंदिर स्थित हैं जो अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं. इन मंदिरों के भीतर छुपे कई रहस्यों को आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं.

आज हम आपको 400 साल पुराने भारत के एक ऐसे अनोखे और रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आए दिन चमत्कारिक घटनाएं देखने को मिलती हैं जो आम इंसानों और वैज्ञानिकों की समझ से परे है.

राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर

तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध बिहार के बक्सर जिले में स्थिथ राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर तंत्र साधना के लिए मशहूर है जहां साधकों की हर मनोकामना पूरी होती है.

हर रोज यहां एक अद्भुत और चमत्कारिक घटना घटती है जिसके कई साक्षी हैं. लेकिन जो वो देखते या सुनते हैं उसे दूसरों को समझा पाना या फिर उसे प्रमाणित कर पाना बेहद मुश्किल है.

बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है जिसकी स्थापना एक तांत्रिक भवानी मिश्र ने की थी और उन्हीं के वंशज आज तक इस मंदिर के पुजारी का दायित्व निभाते आए हैं.

मूर्तियां करती हैं आपस में बातें

इस मंदिर में हर रोज रात के वक्त मूर्तियो से बोलने की आवाजें आती हैं. इन आवाजों को सुनकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे मंदिर में विराजमान मूर्तियां आपस में बातचीत कर रही हों.

आधी रात में यहां से गुजरने वाले लोगों को ये आवाजें सुनाई देती हैं. हालांकि पहले लोगों ने इसे अपना वहम माना लेकिन जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया तो उन्हें भी इस घटना पर विश्वास करना पड़ा.

वैज्ञानिकों की एक टीम ने रिसर्च करने के बाद कहा कि यह आवाज किसी व्यक्ति से नहीं आती है. उनका मानना है कि यहां कुछ तो अजीब घटित होता है जिसके कारण यह आवाजें सुनाई देती हैं.

वैज्ञानिकों की मानें तो इस मंदिर की बनावट ही कुछ ऐसी है जिसकी वजह से सूक्ष्म शब्द यहां भ्रमण करते हैं. दिन में जो लोग बातें करते हैं, वो रात को यहां गूंजती हैं, लेकिन यह केवल उनका अनुमान है.

दस महाविद्याओं की मूर्तियां है विराजमान

यहां के लोगों का मानना है कि तांत्रिक शक्तियों के कारण यहां की देवियां जागृत हैं. इस मंदिर में प्रधान देवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा के अलावा बगलामुखी माता, तारा माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं.

देवी देवताओं की इन विशेष प्रतिमाओं के साथ काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, मातंगी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महाविद्याओं की भी मूर्तियां यहां विराजमान हैं. यही वजह है कि इस मंदिर के प्रति तांत्रिकों में एक अटूट आस्था है.

बहरहाल लोगों की आस्था और विश्वास के अनुसार राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में विराजमान सभी प्रतिमाएं आपस में बाते करती हैं और मंदिर के इस अनसुलझे रहस्य के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक हो गए हैं.