इस बार बूचड़खानों या मजनूओं को लेकर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आंख का डोरा लाल है तो वह अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले जो फरमान जारी किया था उसे उनके ही मंत्रियों ने अनसुना कर दिया है.
योगी सरकार के कई मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा अभी तक नहीं सौंपा है.
मंत्रियों की इस नाफरमानी को देखकर लगता है कि या तो वे अभी योगी को समझ नहीं पाए है या फिर उन्हें लगता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति इस बार पहले की तरह ही चलेगी.
नहीं तो कोई कारण नही है कि अभी तक योगी सरकार को अपने मंत्रियों के संपत्ति का ब्योरा नहीं मिला – कई मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है. जबकि इसके लिए उन्हें शपथ लेने के बाद ही कह दिया गया था कि वो अपनी संपत्ति का ब्योरा सरकार को सौंप दे.
मंत्रियों के संपत्ति का ब्योरा न देने से नाराज योगी ने चिट्ठी लिखकर मंत्रियों को 19 अप्रैल तक ब्योरा सौंपने का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मंत्री इसे हल्के में न ले बल्कि जल्द से जल्द ब्योरा देकर पारदर्शी सरकार चलाने में अपनी भमिका का निर्वहन करें.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पारा उस वक्त चढ़ गया जब उन्हें पता चला कि उनके द्वारा जारी पहले के आदेशों पर केवल 13 मंत्रियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है.
इसी बात से नाराज योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों को कहा कि आप के पास 19 अप्रैल तक का समय है. इसके पहले आप अपनी संपत्ति का विविरण जमा करा दें. यह ब्योरा देने का आखिरी मौका है इसके बाद कोई सुनवाई नहीं होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इन तेवरों को लेकर जानकारों का मानना है केवल चेतावनी ही नहीं बल्कि योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को पत्र के जरिए हिदायत भी दी है.
अपने पत्र में उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी मंत्री 5 हजार से ज्यादा का उपहार लेने से भी बचें. इसके अलावा उन्हें बेवजह की दावतों से दूर रहने के लिए भी कहा गया है.
साथ ही उन्होंने मंत्रियों को शासकीय दौरे में निजी आवास या फिर सर्किट हाउस में ठहरने पर किसी भी तरह के तामझाम से बचने के लिए कहा है. यही नहीं मंत्रियों को हर साल 31 मार्च तक अपनी परिसंपत्तियों का ब्योरा भी देना होगा, कि इस वर्ष उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी और कैस बढ़ी. उनकी आय का जरिया क्या था.
बहराल, योगी ने अपने लिए ही नहीं बल्कि अपने मंत्रियों और अधिकारियों के लिए लाइन तय कर दी है.