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6 महान लेकिन अज्ञात लेखक

Suryakant Tripathi Nirala

‘प्यासा’ तो आपने देखी ही होगी.

गुरु दत्त जी की इस फिल्म में लेखकों को जीते-जी मिली नकारता को बहुत ही सूक्ष्मता से दिखाया गया है. और फिर जब लेखकों को मौत के बाद जो प्रसिद्धि प्राप्त होती है, इस धारणा को भी बड़ी ही भावुकता से दर्शाया गया है.

लेकिन कुछ ऐसे लेखक भी होते हैं जिनकी मृत्यु के बाद भी उनके नाम को प्रसिद्धि नहीं मिलती और कुछ ऐसे लेखक भी हैं जो बहुत शानदार लेख लिखते हैं और जिंदा होते हैं लेकिन उनके काम को प्रसिद्धि नहीं मिलती.

इस सूची में ऐसे लेखक शामिल हैं जिन्होंने कलम के साथ कमाल किये हैं लेकिन उनके इन कमालों की सिर्फ बेखबरी ही छाई हुई है.

१. वैद्यनाथ मिश्र (नागार्जुन).

“हाँ भाई, मैं भी पिता हूँ
वो तो बस यूँ ही पूछ लिया आपसे
वरना किसे नहीं भाँएगी?
नन्हीं कलाइयों की गुलाबी चूड़ियाँ!”
बाबा नागार्जुन जी की ‘गुलाबी चूड़ियाँ’ यह कविता कोई कितनी ही बार पढ़े कम है. नागार्जुन जी का जन्म सन १९११ में बिहार में हुआ. इनको साहित्य अकादमी पुरस्कार से सराहा गया सन १९६९ में.
उन्होंने मैथिलि में और हिंदी में कई लेख लिखे हैं. उन्होंने बंगाली में भी अखबारों के लिए कई लेख लिखे हैं.

vaidyanathmishra

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