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5 कारण क्यों भारत में ज्यादा स्टार्ट-अप होना आवश्यक है?

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5 कारण क्यों भारत में ज्यादा स्टार्ट-अप होना आवश्यक है

मोदी सरकार(modisarkar) देश में आने के बाद भारत निवेश के लिए एक उपयुक्त देश बन गया है. “देख लेना चीन से भी आगे जायेगा”, आपने अक्सर अब लोगों को यह कहते सुना होगा. बस यही सकारात्मक सोच ने भारत को स्टार्ट-अप के लिए भी उत्तम स्थल बना दिया है.

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  • रोज़गार: अशिक्षित लोगों की रोज़गार की समस्या को तो हम सभी जानते ही हैं, पर हर साल भारत में कितने नौजवान बैचलर, मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करते हैं और फिर भी नौकरी की तलाश में दर-बदर भटकते रहते हैं, यह बात आप शायद ज्यादा ना जानते हो. कुछ लोग नौकरी प्राप्त करने में सफल होते है तो कुछ विफल, किसी को सूरज की रोशनी प्राप्त होती है तो किसी को चन्द्रमा की चांदनी से ही संतुष्ट होना पड़ता है.
  • ज्यादा कम्पटीशन, कम मूल्य: अगर नए-नए स्टार्ट-अप भारत में शुरू होंगे तो मार्केट में ज्यादा प्रतिस्पर्धा होगी, कम्पटीशन बढ़ेगा, मार्केटिंग के नियमों के अनुसार जब मार्केट में ज्यादा स्पर्धा होती है तब एक कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी द्वारा निर्धारित उत्पाद के मूल्यों से कम मूल्य रखती है जिसका सीधा लाभ ग्राहक को होता है.
  • स्वदेशी अपनाने हेतु: प्रमुख अर्थशास्त्री कहते है कि स्वदेशी उत्पादनों का आविष्कार होना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अनिवार्य है. जो कोल्ड-ड्रिंक हम 10-12 रुपये में खरीदते हैं उसका उत्पादन खर्चा केवल 2-3 रुपये होता है यानि की बम्पर मुनाफा. चॉकलेट में सबकी सबसे प्रिय ब्रांड ‘कैडबरी’ होगी, सोचो उसकी स्वदेशी प्रतिस्पर्धी कोई और कंपनी है क्या? या नूडल्स में मेगी ब्रांड का, नहीं ना! बस इसलिए लोगों को ज्यादा विकल्प देने के लिए हमें स्वदेशी उत्पादनों को बढ़ावा देना चाहिए.
  • फोर्ब्स मैगज़ीन में प्रकाशित होने के लिए: भारत में आप तब तक सफल नहीं कहलाते, जब तक आप फोर्ब्स मैगज़ीन में प्रकाशित नहीं होते. अब तक अम्बानी, अदानी, टाटा, और सब बड़े-बड़े नामचीन हस्तियों ने फोर्ब्स में स्थान प्राप्त किया है. अब बस हम चाहते हैं कि कुछ और लोग के नाम भी यहाँ जुड़ जायें.
  • मेक इन इंडिया का स्वप्न पूरा करने हेतु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वंतंत्रता दिवस के अवसर पर इस नारे को घोषित किया गया था और 2-3 माह के भीतर ही इस योजना को देश और दुनिया के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया था. मोदी ने तो अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जाकर भारतीय मूल के लोगो को तथा अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को भी भारत में निवेश करने का आमंत्रण दिया. बस यही ख्वाब को पूरा करने के लिए ज्यादा स्टार्ट-अप खुलने चाहिए.