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ये हैं वे महिलाएँ जिनके हाथों से मरने में आतंकियों को डर लगता

जन्नत में मिलने वाली हूरों के लिए इंसानियत का खून बहा रहे आतंकी संगठन ISIS के लड़ाकों का सामना जब इन महिलाओं से होता है तो वे भाग खड़े होते हैं.

आतंकियों को इन कुर्दिश और सीरियाई महिला फाइटर के हाथों से मरने में डर लगता है.

इन महिला फाइटर को देखकर वे सामना करना तो दूर इनके युद्ध के मैदान में पहुंचने की खबर से भी मैदान छोड़ भागते हैं. ये वे महिला फाइटर है जो आज इराक में ISIS के आतंकियों के लिए खौफ की वजह बन चुकी है.

इराक की महिला फाइटर –

1 – ISIS के लड़ाकों में वहीदा मोहम्मीद अल जुमैली की दहशत इस कदर है कि आतंकी इस महिला को कई बार जान से मारने की धमकी दे चुके हैं . 39 वर्षीय वहीदा ने अपने परिवार के सदस्यों की मौत का बदला लेने के लिए आईएस आतंकियों के सिर काटकर उनको पकाती हैं. यही नहीं आईएस के दहशतगर्दों में दहशत पैदा करने के लिए उनकी लाश को जलाया भी देती है.

2 – ये गुरिल्ला कमांडर डेजली है. डेजली को जब पता चला कि isis यजीदी महिलाओं को पकड़कर उनके साथ रेप कर रहें है बल्कि बच्चों को पहाड़ पर ले जाकर मार रहे हैं, तो 29 वर्षीय डेजली बदला लेने के लिए हथियार उठा लिए और उसी दिन 10 आतंकियों को सिंजार में मार गिराया.

3 – 20 वर्षीय गुरिल्ला फाइटर एफलिन ने तय किया है कि उस वक्त तक मैदान नहीं छोड़ेंगी जब तक एक भी आतंकी जिंदा है. मौत से बेखौफ एफलिन बंकर बनाकर अपने सहयोगी के साथ मैदान में डटी हुई है.

4 – जब वजूद पर संकट आए तो टकराना पड़ता है इसका सबूत है टर्की की मिस ओजल्प. इस सुदंरी ने तय किया है कि वो अंतिम समय तक आतंकियों से युद्ध करेगी और कभी ऐसा मौका आया कि वो आतंकियों की पकड़ में आ सकती है तो उस वक्त वह अपने को बम से उड़ा लेगी.

5 – इस्लाकमिक स्टेंट के खूंखार आतंकियों ने दरिंदगी की सभी सीमाएं तोड़कर महिलाओं और लड़कियों को भरे बाजार में खरीदना और बेचना शुरू किया तो इस यजीदी महिला सिंगर जेट सिंगली ने सबकुछ छोड़कर हाथ में AK-47 राइफल उठा ली है.

6 – महिला यूनिट की 21 वर्षीय कमांडर तेलहेलडेन आज तक मौसूल के बाजार में बेची गई और जिंदा जलाई गई यजीदी महिलाओं को नहीं भूली है. इनका कहना है कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक महिलाओं पर किए गए अत्याचार का बदला नहीं ले लेते.

7 – बेबीलोनिया दो बच्चों की मां है. लेकिन जब देखा कि देश पर आतंकियों का खतरा बढ़ता ही जा रहा है तो अपने बच्चों के भविष्य के लिए हथियार उठाना ही बेहतर समझा.

8 – 22 वर्षीय गुरिल्ला फाइटर हबीन उन महिलाओं व लड़कियों को आजाद कराने के लिए लड़ रही है. इस लड़ाई में हबीन उस वक्त घायल हो गई थी जब आतंकियों ने आईईडी ब्लास्ट के जरिए उन्हें मारने के की कोशिश की थी.

9 – असीमा दाहिर के सामने आतंकी उनके 8 पड़ोसियों को लेकर गए और उनको मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद जब असीमा ने अपनी आंखों के सामने बच्चों का कत्ल होते देखा तो उससे रहा नहीं गया और उसने आईएस के खात्में के लिए बंदूक उठा ली. और आज आईएस के गढ़ मौसूल में लड़ रही है.

10 – आईएस का खत्मा करने के उद्देश्य से यजीदी महिलाओं सिंजार वुमन युनिट नाम से एक ग्रुप तैयार किया है, इसका मकसद आईएस पर हमला करके अपनी यजीदी महिला साथियों का बदला लेना है, जिन्हें जिहादियों ने सेक्स स्लेव बनाकर रखा.
बता दें कि 2014 के बाद आतंकी संगठन आईएस ने महिलाओं पर बहुत अत्याचार किए है. लेकिन जिहादी लड़ाकों को इन महिलाओं के हाथों से मारे जाने का भी बड़ा खौफ रहता है.

दरअसल आईएसआईएस आतंकियों का विश्वास है कि अगर किसी महिला के हाथों उनकी मौत होती है तो उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी. इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए महिलाओं ने एक फाइटर्स ग्रुप बनाया है जिसमें हजारों महिलाएं शामिल है.

Vivek Tyagi

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