धर्म और भाग्य

जानिये शास्त्रों के अनुसार कौन से भगवान की मूर्ति कहाँ स्थापित करनी लाभदायक होती है !

हम जब भी घर में मूर्ति लाते है तो सजावट या इच्छानुसार कहीं भी स्थापित कर देते है.

लेकिन मूर्ति स्थापित होने के बावजूद घर में कई तरह की समस्या, परिवार में विवाद और अनेक परेशानियाँ आती रहती है.

हिन्दू धर्म के शास्त्रों में मूर्ति स्थापना के लिए कुछ विशेष जगह बताई गई है, जहाँ मूर्ति स्थापित करने से जीवन में लाभ और हर तरह की सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

तो आइये जानते है कौन से भगवान की मूर्ति कहाँ स्थापित करनी चाहिए  

1 – गणेश जी  

शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की मूर्ति हमेशा चौखट के ऊपर या मुख्य द्वार के सामने ही स्थापित करनी चाहिए. इससे जीवन सुखमय बनता हैऔर हर कार्य मंगलमय होता है.

2 – शिवलिंग

शास्त्रों में लिखा है कि शिवलिंग को घर के आँगन में, तुलसी के पास, नदी किनारे या तालाब किनारे स्थापित करके पूजा  करने की बात कही है. इससे जीवन में शिव कृपा बनी रहती है.

3 – शनि देव

शास्त्र अनुसार शनि देव को खुले मैदान, बिना छत के चौपाल पर या पीपल पेड़ के नीचे स्थापित करने की बात लिखी हुई है. शनि देव न्याय के देवता है इसलिए उनको गाँव गुडी या पाच सभा में स्थापित करने की बात भी कही गई है.

4 – हनुमानजी

शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमानजी की स्थापना हमेशा घर के बाहर, मंदिर में ही करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी पवनपुत्र है, इसलिए उनको बंधन में रखना सही नहीं होता.

5 – लक्ष्मी माता

शास्त्रों में माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना हमेशा तिजोरी या अलमारी के अंदर धन रखने वाली जगह पर करने की बात लिखी गई है, जिससे घर धन -धान्य से भरा रहे.

6 – दुर्गा मूर्ति

घर के अंदर मंदिर में माँ दुर्गा की स्थापना की बात शास्त्रों में लिखी है. इससे माता की छाया घर परिवार पर बनी रहती है और  घर में किसी तरह की मनहूसियत नहीं आती.

7 – विष्णु

शास्त्रों में विष्णु या विष्णु अवतार भगवान की मूर्ति भी पूजा घर के मंदिर में स्थापित करने को बताया गया है. इससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है.

8 – सरस्वती

सरस्वती माता की मूर्ति हमेशा किताब घर में या घर की लाइब्रेरी में, संगीत कक्षा में, अभ्यास स्थान में स्थापित करने को कहा गया है. इससे माता सरस्वती की कृपा बनी रहती है.

9 – विश्वकर्मा

शास्त्रों में विश्वकर्मा भगवान को देवताओं के इंजिनियर कहा गया है. इसलिए इनकी मूर्ति की स्थापना निर्माण कार्य स्थान पर करना चाहिये.

शास्त्रों में देवताओं की मूर्ति स्थापित करने के लिए विशेष स्थान और स्थिति लिखी गई है उसके अनुसार मूर्ति स्थापित करने पर इंसान के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

Dr. Sarita Chandra

Share
Published by
Dr. Sarita Chandra

Recent Posts

ढल गई जवानी जिस्म के सौदे में ! अब क्या होगा बूढ़ापे का !

वेश्याओं के रेड लाइट इलाके में हर रोज़ सजती है जिस्मफरोशी की मंडी. इस मंडी…

5 years ago

पेट्रीसिया नारायण ! 50 पैसे रोजाना से 2 लाख रुपये रोजाना का सफ़र!

संघर्ष करनेवालों की कभी हार नहीं होती है. जो अपने जीवन में संघर्षों से मुंह…

5 years ago

माता रानी के दर्शन का फल तभी मिलेगा, जब करेंगे भैरवनाथ के दर्शन !

वैष्णों देवी माता का मंदिर कटरा से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.…

5 years ago

एक गरीब ब्राह्मण भोजन चुराता हुआ पकड़ा गया और फिर वो कैसे बन गए धन के देवता कुबेर देव!

धन-दौलत की चाह रखनेवाले हमेशा धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं. माता लक्ष्मी…

5 years ago

रमज़ान में खुले हैं जन्नत के दरवाज़े ! होगी हर दुआ कबूल !

साल के बारह महीनों में रमज़ान का महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास होता है.…

5 years ago

चिता की राख से आरती करने पर खुश होते हैं उज्जैन के राजा ‘महाकाल’

उज्जैन के क्षिप्रा नदी के पूर्वी किनारे पर बसा है उज्जैन के राजा महाकालेश्वर का…

5 years ago