हमने अक्सर धर्म के नाम पर हिंदु और मुस्लिमों को आपस में लड़ते देखा है.
बाबरी मस्जिद और अयोध्या के राम मंदिर को लेकर दोनों समुदाय के लोगों को आपस में बैर करते देखा है.
इन सबके बीच बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में हिंदु-मुस्लिम भाईचारे की एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है.
इस जिले के केसरिया ब्लॉक में दुनिया के सबसे बड़े राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर जितने उत्साहित हिंदु समुदाय के लोग हैं, उससे कहीं ज्यादा खुशी मुसलमान भाइयों के चेहरे पर दिखाई दे रही है.
मंदिर के लिए मुसलमानों का योगदान
इस मंदिर का निर्माण पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है.
इस ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक इस मंदिर के लिए पहले हिंदु समुदाय के लोग खुलकर मदद कर रहे थे लेकिन अब मुसलमान भी बढ़ चढ़कर इस मंदिर के लिए अपना योगदान दे रहे हैं.
विराट रामायण मंदिर बनाने के लिए कई मुसलमानों ने अपनी ज़मीन तक दान कर दी है. वहीं कुछ मुसलमानों ने मंदिर के लिए ज़मीन खरीदने में भी हाथ बंटाया है. इतना ही नहीं ये लोग इस मंदिर के निर्माण कार्य में भी अपना योगदान दे रहे हैं.
कहा जा रहा है कि अगर मुसलमान भाईयो का योगदान नहीं मिलता तो इस मंदिर को बनाने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाता.
दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर
इस मंदिर के लिए 200 करो़ड रूपए खर्च कर भूखंड का अधिग्रहण किया गया है. कहा जा रहा है कि इस मंदिर की वास्तुकला कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर और तमिलनाडु के मदुरै मंदिर जैसी खूबसूरत और आकर्षक होगी.
यह मंदिर दुनिया का सबसे बडा राम मंदिर होगा. इसमें 18 शिखर और 18 गर्भगृह होंगे. यह मंदिर 2800 फुट लंबा और 1500 फुट चौडा होगा और इसकी ऊंचाई 270 फुट होगी.
विराट रामायण मंदिर होगा इसका नाम
यहां बननेवाला दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर आकार में जितना बड़ा है, उसका नाम भी उतना ही विशाल है. इस मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर रखा जाना है.
इस मंदिर में श्रीराम, सीता के साथ उनके दोनों पुत्र लव-कुश और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी.
कब बनकर तैयार होगा यह मंदिर ?
बताया जा रहा है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य करीब सात से आठ साल में पूरा होगा. इस मंदिर को बनाने में करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने पहले विराट रामायण मंदिर का निर्माण वैशाली जिले में करने का फैसला किया था, लेकिन किसी विवाद के चलते इसका निर्माण अब पूर्वी चंपारण ज़िले में किया जा रहा है.
बहरहाल इस विराट रामायण मंदिर के निर्माण में मुसलमानों का योगदान वाकई तारीफ के काबिल है इतना ही नहीं ऐसा करके ये मुसलमान भाई उन लोगों के लिए भी एकता और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं जो लोग धर्म के नाम पर एक-दूसरे का खून बहाने से भी नहीं डरते.
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