मोबाइल फ़ोन और उसमें उलझी किशोरावस्था

मोबाइल फ़ोन और उसमें उलझी किशोरावस्था

आज मोबाइल फ़ोन हमारे जीवन का एक बड़ा ही महत्त्वपूर्ण अंग बन चुका है. यदि हमारे पुराने समय के लोग कभी इस चीज़ से रु-ब-रु होते तो निश्चित ही आज की इस तकनीक को देख कर अवाक रह जाते. कही भी जाएं, तो आप कई लोगों को पाएंगें अपने हाथ में लिए इस फ़ोन को, सारी दुनिया से बेखबर, एक टक घूरते हुए. कई बड़े लोग आजकल पुरे वक्त फ़ोन पर लगे रहने को एक बिमारी कहते हैं. और इसी के साथ इस बिमारी के चपेट में आज के युवा और किशोर लोग पूरी तरह से आ चुके हैं. अगर हम कुछ आकड़ों पर ध्यान देंतो करीब २२% किशोर, १६ से १८ वर्ष की आयु में मोबाइल फ़ोन का सबसे अधिक उपयोग करते हैं.

जैसा की कहा गया है, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, इसी प्रकार जब हम देखें तो इस मोबाइल की  भी कई ऐसी बातें हैं. एक तरफ तो यह बड़ा ही महत्वपूर्ण माध्यम है क्यूंकि इसने संचार को बड़ा ही आसान कर दिया है पर इसके उलट इसने लोगों के बीच कई परेशानियां भी इजाद की हैं जो बड़े ही गहराई तक सभी को नुकसान पहुंचा रही है.

जब बात किशोरावस्था और मोबाइल की होती है तो ऐसी कई बातें हैं जिस पर हमें गौर करना ज़रूरी है.

1. व्याकुलता– मोबाइल फ़ोन ने लोगों की दुनिया में एक अलग ही हलचल पैदा कर दी है और इसी के साथ वे बड़े ही व्याकुल हो गए हैं. इसकी वजह से विद्यार्थी का ध्यान बड़ी ही आसानी से भटकने लग गया है और वे एक चीज़ पर एकाग्र होकर काम नही कर पाते.

2. आलसीपन– इस मोबाइल फ़ोन ने लोगों को बड़ा ही आलसी भी बना दिया है. वो कहते हैं न अति किसी भी चीज़ की बुरी होती है, ऐसे ही अधिक तकनीक ने भी लोगों को ज़रा आलसी बना दिया है. कुछ भी काम हो बस मोबाइल उठाइए और काम हो गया. विद्यार्थी अब नोटस नहीं बनाते सीधे फोटो खींच कर या गूगल से पढ़ते हैं. यहाँ तक की एग्जाम के पहले पढाई का सारा मटेरियल व्हाट्सएप द्वारा सभी के पास घूमता रहता है.

3. कमज़ोर पड़ते रिश्ते –सभी लोग आज इस फ़ोन में इतने मशगूल हो चुके हैं कि हमने अपने खुद के लोगों से भी बात करना कम कर दिया है. ज़रा सोचिये एक ऐसा परिदृश्य जिसमे आपके माता-पिता और आप एक घर में हैं पर कोई भी एक दुसरे से बात नहीं करता क्योंकि सभी के पास फ़ोन है. ये एक विडंबना ही है कि वह फ़ोन जो हमे पूरी दुनिया से संपर्क में रहने की इजाज़त देता है, वही फ़ोन हमारे आस-पास के लोग से भी हमें दूर कर देता है.

4. राह भटकाता –किशोरावस्था एक ऐसा समय है जब लोग अपनी एक अलग ही दुनिया में रहते हैं और अपनी सारी बातें उन्हें सही लगती है. यह एक वक़्त है जब एक किशोर राह भटक सकता है और साथ ही किसी भी गलत चीजों में पड़ सकता है. मोबाइल फ़ोन बड़े ही किफायती मूल्य पर मिल जाने से आजकल ये सभी के पास है और यहाँ तक की लोग इसे स्कूल भी ले जाने लगे हैं. और यहीं से इसका दुरूपयोग शुरू होता है और कई बच्चे गलत विडियो बनाने और देखने में उलझ जाते हैं. 

तो यही कुछ बातें हैं जिसके लिए किशोरावस्था में बच्चों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है खासकर जब उनके पास मोबाइल फ़ोन जैसा यंत्र हो. सही शिक्षा और सही दिशा इन्हें आगे बढ़ने में मद्द करेगी.

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