सलाह

टीवी की वजह से अब स्‍कूल में ही इश्‍क सीखने लगे हैं बच्‍चे

स्‍कूल में इश्‍क – आजकल के बच्‍चे पढ़ाई से ज्‍यादा टीवी देखने में समय बिताते हैं और आप तो जानते ही हैं कि आजकल टीवी पर मनोरंजन के नाम पर क्‍या परोसा जा रहा है।

अब टीवी शोज़ और फिल्‍मों में बच्‍चों तक को रोमांस और हंसी-मज़ाक में छेड़खानी करते हुए दिखाया जाता है। यहां तक कुछ शोज़ ऐसे हैं जिनमें स्‍कूल लाइफ को दिखाया जाता है इनमें पढ़ते-पढ़ते ही बच्‍चों को स्‍कूल में इश्‍क हो जाता है।

अब ज़रा सोचिए अगर बच्‍चे टीवी पर ऐसा कुछ देखेंगें तो क्‍या इसका असर उनके दिमाग पर नहीं पड़ेगा ?

मेरा भी छोटा भाई है जो अभी स्‍कूल में ही है। मैं जब उसे देखती हूं तो लगता है कि वो कुछ चीज़ें अपनी उम्र से पहले ही सीख गया है। नौंवी क्‍लास में पढ़ते हुए ही गर्लफ्रेंड बनाना और डेट पर जाना, ये कहां होता है।

आप मानें या मानें बच्‍चों के समय से पहले बड़े होने का एक कारण टीवी भी है। अब बच्‍चों को वो बातें भी पता होती हैं जो हम कॉलेज जाने के बाद जान पाते थे। आखिर बच्‍चों को ये सब सीखने को कहां मिलता है ?

आप और हम तो उनसे ये सब बातें करते नहीं हैं और ना ही उनके सामने ऐसा कुछ करते लेकिन वो ये सब चीज़ें टीवी पर देखते हैं और वहीं से सीखते भी हैं।

स्‍कूल में इश्‍क – स्‍कूल लाइफ सबसे खास होती है। जिंदगी के इस पड़ाव पर जो बच्‍चा अच्‍छे से पढ़ लेता है उसकी पूरी जिंदगी आसान और सफल हो जाती है साथ ही ये समय मौज-मस्‍ती के लिए भी होता है और आजकल तो स्‍कूल में इश्‍क भी जुड़ गई है।

जब कभी भी घर बनता है तो सबसे पहले उस घर की नींव मज़बूत की जाती है। इसी तरह स्‍कूल लाइफ से ही बच्‍चे की नींव शुरु होती है और अगर इसी बीच बच्‍चा प्‍यार में पड़ जाए तो इसका सारा असर उसकी पढ़ाई पर होता है जो आगे चलकर उसके भविष्‍य पर भी पड़ता है।

इस उम्र के बच्‍चों के लिए एक ही सलाह है कि स्‍कूल में इश्‍क से दूर रहे – अगर आप किसी को पसंद करते हो तो उसके साथ सिर्फ देास्‍ती ही रखें। आपकी ये उम्र रिलेशनिशप के लिए ठीक नहीं है। जब आप थोड़े मैच्‍योर हो जाएंगें तब अपनी इस चाहत को रिश्‍ते में बदल सकते हैं लेकिन स्‍कूल लाइफ में तो आपको अपनी पढ़ाई पर ध्‍यान देना चाहिए

समय कभी लौटकर नहीं आता और अगर आप अपने भविष्‍य को संवारना चाहते हैं तो अपनी स्‍कूल लाइफ को प्‍यार में पड़ कर खराब ना करें क्‍योंकि ये वक्‍त पढ़ाई का है दिल्‍लगी का नहीं। अगर आपके बच्‍चे भी स्‍कूल में पढ़ते हैं तो उन पर खास ध्‍यान दें।

स्‍कूल में इश्‍क – कई पैरेंट्स कोशिश करते हैं कि वो अपने बच्‍चे के टीवी देखने के समय और इंटरनेट पर बैठने के समय को सीमित रखें और इस पर नज़र भी रखें लेकिन आप हर वक्‍त तो उन्‍हें गलत चीज़ों से नहीं बचा सकते ना.. इसमें समाज को भी बदलने और कुछ करने की जरूरत है जो वो नहीं कर पा रहा है तभी कुछ हो सकता है।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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