बॉलीवुड

सुपरहिट देवानंद जी की ये 10 तस्वीरें जो आपने कभी नहीं देखी होंगी

सदाबहार देवानंद को वैसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं हैं.

देवानंद को सदाबहार इसीलिए बोला जाता है क्योकि यह एक्टर बोलीवुड में सदा अपनी पहचान बनाये रखे हुए था. कहते हैं कि एक्टर भी कभी-कभी आउट आफ फॉर्म हो जाता है लेकिन देवानंद के साथ ऐसा नहीं था, यह हमेशा बोलीवुड पर छाये रहे थे.

आज हम आपको सुपरहिट देवानंद जी की Rare And Old Is Gold Images दिखाने वाले हैं जिनको देखकर आप समझ जायेंगे कि आखिर क्यों देवानंद जी सभी के दिलों पर राज करते थे-

1. देवानंद को उस दौर में सभी काफी पसंद किया करते थे. शायद की कोई व्यक्ति ऐसा होगा जो बोल सकता था कि देवानंद से मेरी दुश्मनी है. खासकर देवानंद और दिलीप कुमार की दोस्ती के किस्से खूब उछला करते थे.


2. आज की पीढ़ी देवानंद वाली नहीं है तभी शायद इसको नहीं पता है कि देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु को भी सदाबहार देवानंद की फ़िल्में काफी पसंद थीं.

3. देवानंद फिल्म की दुनिया में इतना विख्यात अपनी संवाद कहने की अदा के कारण हुए थे. झुककर बोलना और बड़ी मासूमियत के साथ अपनी बात रखना ही उनकी खासियत थी. लता जी को भी देवानंद जी की आवाज काफी पसंद थी.

4. देवबाबू ने अपने फ़िल्मी करियर दुनिया के अंदर कुछ 114 फिल्मों में का किया था और इनमें से कुछ 104 फिल्मों में इन्होनें लीड रोल किया था. इसी तरह से इन्होनें 2 अंग्रेजी फिल्मों में भी काम किया था. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी देव साहब की एक्टिंग काफी पसंद थी.

5. रोमांस के बादशाह देव जी के ऊपर एक समय काले कोट को पहनने पर एक तरह से पाबन्दी थी. सफ़ेद कमीच और काला कोट भारत के अन्दर इन्हीं की देन है.

6. देव साहब और फिल्म निर्देशक गुरुदत्त दोनों की दोस्ती के किस्से भी बोलीवुड में काफी थे. बोला जाता है कि दोनों एक दूसरे से किसी फिल्म के सेट पर मिले थे, जहाँ दोनों ही काम की पैरवी को लेकर आये थे. बाद में दोनों सफल हुए और दोनों ने एक दूसरे की मदद की थी.

7. देवानंद जब साल 1943 में मुंबई आये थे तब इनकी जेब में बस 30 रुपैय थे. एक्टर बनने से पहले देव साहब छोटी नौकरी मुंबई में ही करने लगे थे.

8. देव साहब के परिवार की यह तस्वीर काफी रेयर है. वैसे देव साहब अपने परिवार को भी पूरा समय दिया करते थे.

9. आर.डी बर्मन, किशोर कुमार और देवानंद की जोड़ी ने बोलीवुड के अन्दर काफी कीर्तिमान स्थापित किये हैं. तीनों अक्सर किसी गाने को सुनने और कम्पोज के लिए मिला करते थे.

10. देवानंद जी की सबसे बड़ी खासियत यही थी कि वह अपने सभी साथियों के साथ विनम्र थे. यह बात इनका ड्राइवर और खाने बनाने वाले साथी भी कहते हैं.

ये है सदाबहार देवानंद – तो जब समझ आया कि आखिर क्यों देवानंद जी को सदाबहार बोला जाता था, सबसे दिलों पर राज करने वाले सदाबहार देवानंद जी जैसा अदाकार शायद बोलीवुड को अब मिलना बहुत मुश्किल है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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