शिक्षा और कैरियर

लगता है अब कोचिंग क्लास वालों के आ गए हैं बुरे दिन ! जानिये क्यों ?

एक दौर ऐसा भी था जब स्कूल-कॉलेजों में पढ़नेवाले छात्रों के माता-पिता उन्हें मोबाइल फोन से दूर रखते थे क्योंकि उन्हें हर वक्त इस बात का डर रहता था कि मोबाइल फोन के चक्कर में बच्चे पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं देंगे और वो बिगड़ जाएंगे.

मोबाइल फोन से अपने बच्चों को दूर रखने के साथ ही उन्हें ट्यूशन और कोचिंग क्लास भेजते थे ताकि उनके बच्चे परीक्षा में अच्छे नंबर हांसिल कर सकें.

लेकिन अब वो दौर बीत चुका है जब स्टूडेंट्स परीक्षा के नजदीक आते ही लाइब्रेरी के चक्कर काटने पर मजबूर हो जाते थे ताकि उन्हें पुराने प्रश्नपत्र मिल सके. इतना ही नहीं वो कोचिंग क्लास और ट्यूशन में एक्स्ट्रा स्टडीज के लिए टीचरों से मिन्नतें भी करते थे.

लेकिन आज के इस डिजिटल वर्ल्ड में स्टूडेंट्स के पढ़ने-लिखने का जरिया भी एकदम डिजिटल हो गया है. स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई हो रही है. अब स्टूडेंट्स किताबों और नोट्स के पीछे नहीं भागते और ना ही टीचर्स से एक्सट्रा स्टडीज के लिए गुहार लगाते हैं. बल्कि अधिकांश छात्र स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई करते है. उन्हों ने स्मार्टफोन को ही अपना बेस्ट टीचर बना लिया है.

स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई – 

स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई करते हैं आज के स्टूडेंट्स

इस डिजीटल वर्ल्ड के बच्चों को उनके पैरेंट्स खुद स्मार्टफोन के साथ अनलिमिटेड इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराते हैं ताकि उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ सकें. इतना ही नहीं वो ऑनलाइन टेस्ट के जरिए खुद अपनी क्षमता जान सकते हैं और उसमें सुधार ला सकते हैं.

इंटरनेट और स्मार्टफोन ने पढ़ाई के पूरे कॉन्सेप्ट को ही बदलकर रख दिया है क्योंकि परीक्षा की तैयारी के लिए पहले जहां किताबें और पुराने साल के प्रश्नपत्र खंगाले जाते थे वहीं आज के स्टूडेंट्स स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई करते है. आर्काइव में सेव किए गए प्रश्नपत्र आसानी से पा लेते हैं.

वेबसाइट्स और एप की मदद लेते हैं छात्र

छात्रों की पढ़ाई में मदद करनेवाले कई वेबसाइट्स ऐसे हैं जो किसी शुल्क के साथ उन्हें ऑनलाइन टेस्ट सीरीज में जुड़ने का मौका देते हैं.

जबकि कई वेबसाइट्स मुफ्त में ऐसे टेस्ट ऑर्गेनाइज कराते हैं और कई साल पुराने प्रश्नपत्र को मुहैया कराने के साथ ही छात्रों को परीक्षा की तैयारी की सही सलाह भी देते हैं.

जबकि स्मार्टफोन पर कई ऐसे एप्लीकेशन्स भी आपको मिल जाएंगे जो छात्रों को नोट्स के साथ हेल्पलाइन की सुविधा भी देते हैं. इसके अलावा कई एप्स पर छात्रों को लेक्चर्स और ई-बुक आसानी से मिल जाएंगे.

ये है स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई – बहरहाल घर बैठे अगर स्मार्टफोन पर एप्स और बेवसाइट्स की मदद से छात्र अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सकते हैं तो फिर उन्हें किसी ट्यूशन या फिर कोचिंग क्लास में जाने की क्या जरूरत है. लेकिन अगर सारे बच्चे अपने स्मार्टफोन को ही अपना बेस्ट टीचर बना लेंगे तो जरा सोचिए कि कोचिंग और ट्यूशन क्लासेस चलानेवालों का क्या होगा.

Anita Ram

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Anita Ram

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